हम सभी जानते हैं कि पीएम मोदी एक समय चाय बेचा करते थे. वडनगर रेलवे स्टेशन पर आज भी लोग उस जगह को देखने जाते हैं, जहां पीएम मोदी चाय बेचकर अपने परिवार का गुजारा करते थे. उनके संघर्ष की कहानी को फिर भी कुछ लोग मेहनत की जगह भाग्य का फल बताते हैं. अगर आप भी यही सोचते हैं कि चाय बेचकर कोई कामयाबी की शिखर पर नहीं जा सकता, तो नवनाथ येवले की कहानी आपकी सोच को बदल सकती है.
चाय बेचकर कमाते हैं करोड़ों का मुनाफा
नवनाथ येवले की कामयाबी भी चाय की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है, लोग उनसे सफलता का मंत्र जानने आते हैं. दरअसल, नवनाथ भी चाय बेचने का काम करते हैं. इस काम को वो पुणे में उस जगह करते हैं, जहां बड़ी-बड़ी नामी-गिरामी कंपनियों के विशाल भवन हैं. लेकिन ताज्जुब की बात है कि नवनाथ की कमाई, नामी-गिरामी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की कमाई से बहुत अधिक है. जी हां, चाय बेचकर ही नवनाथ साल में करोड़ों का मुनाफा कमा लेते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि उनकी महीने की ही कमाई लगभग 20 से 30 लाख है.
पुणे में प्रसिद्ध है नवनाथ की दुकान
नवनाथ की दुकान आज पुणे शहर की शान बनती जा रही है. येवले टी हाउस की पुणे शहर में तीन शाखाएं हैं, जिसमें 50 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. नवनाथ का सपना है कि आने वाले पांच सालों में वो अपनी बिजनेस को पूरे भारत में लॉन्च करेंगे और दस सालों के अंदर इसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बना देंगें.
प्रयोग के तौर पर शुरू किया था धंधा
अपनी कामयाबी के बारे में नवनाथ कहते हैं कि एक विचार हमेशा से दिमाग में था कि अपना खुद का कोई धंधा शुरू करना है. प्रयोग के तौर पर चाय का आइडिया आया और काम शुरू किया गया. सफलता मिलने के बाद इसे एक बिजनेस के रूप में स्थापित कर दिया.
मिल चुके हैं कई सम्मान
नवनाथ येवले को चाय बिजनेस के लिए अभी तक राज्य और केंद्र सरकार से कई तरह के सम्मान मिल चुके हैं. वो कहते हैं कि किसी भी काम को करने के लिए नियत और लगन चाहिए होती है, जिन लोगों ने उन्हें मेहनत करते हुए देखा है, वो उनकी सफलता पर हैरान नहीं होते हैं.
हर तरह की चाय है उपलब्ध
उनकी दुकान में हर तरह का चाय उपलब्ध है, जैसे- मसाला चाय, मक्खन चाय, चॉकलेट चाय, असामी चाय, दार्जीलिंग चाय, निलगिरी चाय आदि. नवनाथ की कहानी यकिन दिलाती है कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है.