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Updated on: 30 October, 2019 5:36 PM IST

बिहार राज्य में केडिया नाम का एक गांव है. जोकि जमुई जिले में पड़ता है. वैसे तो ये गांव सामान्य रूप से आम गांवों जैसा ही है, लेकिन इन दिनों पूरे देशभर में जैविक खेती को लेकर चर्चा का कारण बना हुआ है. जैविक खेती को लेकर गांव की प्रसिद्धि इस कदर बढ़ गई है कि यहां हर दिन वीआईपी-वीवीआईफी लोगों का तांता लगा रहता है.

जैविक कृषि क्रांति स्थल से प्रसिध्द हो रहा है गांवः

बिहार में संभवतः पहली बार जैविक खेती की पहल करने का श्रेय केडिया गांव को जाता है. स्वयं प्रदेश के कृषि मंत्री प्रेम कुमार भी ये बात मानते हैं कि केडिया गांव की माटी से ही बिहार में जैविक कृषि क्रांति की पहल हुई है. गांव वाले अन्य किसानों को भी जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. हाल ही में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जश्न-ए-जैविक महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, आंध्रपदेश, छत्तीसगढ राज्य से कई शोधकर्ताओं समेत किसानों ने भाग लिया.

बिहार सरकार भी दे रही है जैविक खेती को बढ़ावाः

गांव की इस उपलब्धि पर केंद्र के साथ बिहार सरकार भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आगे आ गयी है. प्रदेश कृषि मंत्री ने इस बारे में कहा कि हमारा लक्ष्य बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों को भी जैविक खाद्य उत्पाद देने का है. हमने लक्ष्य तय किया है कि बिहार को पूर्णतः जैविक कृषि राज्य बनाया जाए.  

इस तरह बना केडिया जैविक कृषि गांवः

इस गांव के किसानों ने वर्मी कम्पोस्ट की इकाइयां स्थापित की. आज राज्य में करीब 250 हेक्टयर में जैविक खेती की जा रही है. केड़िया गांव में कुल 22 बायोगैस संयंत्र हैं और यहां लोग मनरेगा योजना के तहत मवेशी पालन का कार्य भी करते हैं.

English Summary: this Kedia village in the Jamui district of Bihar set an example of organic farming
Published on: 30 October 2019, 05:40 PM IST

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