कोरोना काल में एक तरफ भारी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो प्रधानमंत्री के कहे पर आपदा को अवसर की तरह उपयोग कर रहे हैं. आज हम आपको उमंग श्रीधर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी हिम्मत से लॉकडाउन में भी हार नहीं माना. गौरतलब है कि हैंडलूम फ़ैब्रिक तैयार करने वाली श्रीधर भोपाल की रहने वाली है. कोरोना काल में अपने जज़्बे से न केवल वो महिला उद्यमियों को प्रेरित कर रही है, बल्कि उन्हें रोजगार भी प्रदान कर रही है.
चरखे पर सफल रहा प्रयोग
उमंग खादीजी ब्रांड की फाउंडर उमंन ने चरखे पर नया प्रयोग करते हुए उसे डिजिटल फॉर्म में बदल दिया. उनकी ये कोशिश कामयाब रही और बस फिर क्या था खादी निर्माण का काम फटाफट होने लगा.
बांस और सोयाबीन के कचरे से बनाते हैं फैब्रिक
उमंग अपने ब्रांड के लिए फ़ैब्रिक तैयार करने में बांस और सोयाबीन के कचरे का उपयोग करती हैं. उनका मानना है कि ईको-फ्रेंडली फ़ैब्रिक से हमारी जरूरतों के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा हो सकती है.
लॉकडाउन में बनाए खादी मास्क
कोविड -19 की को देखते हुए उनकी संस्था दिन-रात मेहनत के साथ खादी के मास्क तैयार कर रही है. इससे महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. उनके द्वारा बनाए गए मास्क हल्के होने के साथ-साथ मजबूत भी हैं. मास्क का दाम भी किफायती रखा गया है.
लॉकडाउन में प्रदान किया मास्क
उमंग बताती है कि शुरू-शुरू में महिलाएं घर से बाहर काम के लिए आने से कतराती थी. लेकिन अब अच्छा मुनाफा और बेहतर मौहल देखने के बाद वो उनके साथ काम करना चाहती है. बता दें कि लॉकडाउन में इस संस्था ने हजारों मास्क का निर्माण कर समाज में बांटा है.
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