मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपनी सरकार बनाने के बाद कांग्रेस ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक किसानों का कृषि ऋण माफ़ करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने किसानों का दो लाख रुपए तक कर्ज माफ कर इसमें तीन चरण तय कर दिए हैं. जिसमें पहले चरण में सिर्फ आधार कार्ड लिंक वाले किसानों का ही कर्ज माफ होगा तथा दूसरे चरण में बिना आधार कार्ड लिंक किये हुए किसानों को अवसर दिया जाएगा तो वहीं तीसरे चरण में बगैर आधार कार्ड लिंक वाले किसानों की दावे-आपत्ति सुनवाई के बाद कर्ज माफी का निर्णय लिया जाएगा.
बता दें कि प्रदेश सरकार के द्वारा इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वाले किसान समूह या किसान कंपनी का कर्ज माफ नहीं किया जाएगा. कर्ज माफी के लिए मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई है. इसके अलावा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली हाईपॉवर कमेटी अलग से गठित की जाएगी. 15 जनवरी से ग्राम पंचायतों में सूचियां चस्पा की जाएगी.
गौरतलब है कि मंत्रियों के विभाग बंटवारे के बाद कांग्रेस सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में ही कर्जमाफी योजना पर मुहर लगी थी. इसमें 1 अप्रैल 2007 से 31 मार्च 2018 तक दो लाख रुपए तक के कर्ज को माफ करना तय हुआ था. तय समय सीमा के बाद लिया गया कर्ज इस श्रेणी में नहीं आएगा, लेकिन जिन किसानों ने 12 दिसंबर 2018 तक कर्ज जमा किया है, उन्हें उनकी 2 लाख रुपए तक की जमा की गई राशि प्रदेश सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि के रूप में वापस की जाएगी. हालांकि जिन किसानों का कृषि के अलावा किसी दूसरे व्यवसाय से आमदनी का स्त्रोत है उन्हें कर्जमाफी का फायदा नहीं दिया जाएगा. साथ ही सरकारी कर्मचारी, पूर्व व वर्तमान सांसद-विधायक, मंडल-निगम के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, महापौर, पंचायत-पालिका अध्यक्ष व सहकारी बैंकों के अध्यक्ष भी अपात्र रहेंगे. आयकर दाता किसान भी पात्र नहीं होंगे.
कर्जमाफी चरण में ये तीन श्रेणियां शामिल रहेंगी
हरा कार्ड: यह उन किसानों के लिए होगा, जिनका आधार कार्ड बैंकों से लिंकअप है. सबसे पहले इन्हें कर्जमाफी का फायदा मिलेगा. फरवरी से इन्हें खातों के द्धारा पैसा मिलेगा.
सफेद कार्ड: यह कार्ड उन किसानों के लिए होगा, जिनके पास आधार कार्ड नहीं है या फिर उनका कार्ड बैंक खाते से लिंकअप नहीं है. इन्हें दूसरे चरण में लाभ मिलेगा.
गुलाबी कार्ड: यह कार्ड ऐसे किसानों के लिए होगा, जो हरे व सफेद कार्ड की सूची पर आपत्ति उठाते हैं. इन्हें गुलाबी कार्ड के लिए आवेदन करना होगा. इन्हें तीसरे चरण में लाभ मिलेगा.