बेशक, बेपटरी हो चुकी अर्थव्यवस्था अब आहिस्ता-आहिस्ता पटरी पर आ रही हो. कल तक मायूस रहने वाले चेहरे अब खिलखिला रहे हों. कल तक भविष्य की परेशानियों में उलझे लोग अब राहत की सांस ले रहे हों, लेकिन ठहरिए, अभी आप इसे अपनी मुकम्मल फतह समझने की खता मत कर बैठिएगा, चूंकि राहत के इस दौर में अभी-भी कुछ लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं.
इस बेहाली के दौर में भी किसानों ने अपने पर्यत्न के दम पर अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं. किसानों ने इस महामारी में भी बेहतरी भरा काम किया है. इस कड़ी में एक बड़ी खुशखबरी हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले से सामने आई है. कल तक सेब की बंपर पैदावार के लिए विख्यात रहने वाले इस जिले में इस वर्ष नाशपाती की पैदावार होने जा रही है. इस बात की जानकारी वहां के बागवानों ने दी है.
इतना ही नहीं, बागवान इस बात को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं कि कल तक हमारा जिला सेब की बंपर पैदावार के लिए विख्यात रहा करता था, लेकिन इस वर्ष नाशपाती की भी बंपर पैदावार होने जा रही है. इससे जनपद के किसानों को सेब के साथ-साथ नाशपाती से भी अच्छा खासा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा. वहीं, विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर मौसम प्रतिकूल रहा तो यकीनन नाशपाती की बंपर पैदावार बागवानों को मालामाल करेगी और उन्हें अच्छा मुनाफा कमाने का भी बढ़ियां मौका मिलेगा.
वहीं, अगर पिछले वर्ष जनपद में हुए नाशपाती के उत्पादन की बात करें, तो विगत वर्ष नाशपाती का कुछ खास उत्पादन नहीं हुआ था. 70 फीसद फलों की सेटिंग्स बगीचों में हो चुकी है. उधर, नाशपाती की बंपर पैदावार को लेकर बागवानों का कहना है कि हम इस बात से बहुत खुश हैं कि इस बार नाशपाती की भारी पैदावार होने जा रही है.
इस दिशा में बगीचों में फलों के सेटिंग की जा रही है. वहीं, सदर फल और सब्जी उत्पादक संगठन के अध्यक्ष लाल चंद ठाकुर कहते हैं कि इस बार यकीनन हमारे बागवानी करने वाले भाइयों के लिए खुशी का सबब है कि इस बार नाशपाती की भारी मात्रा में पैदावार होने जा रही है.
खैर, इस बार तो किसानों की बात बन चुकी है, लेकिन अब आगामी वर्ष किसान भाइयों नाशपाती की बंपर पैदावार को लाभ मिल पाता है, की नहीं, यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही तय करेगा.