सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 29 March, 2023 12:39 PM IST
किसानों के बीच डर का माहौल
इन दिनों अमृतपाल सिंह खबरों की सुर्खियों में बना हुआ है. जैसा कि आप जानते हैं कि अमृतपाल सिंह पुलिस को कई दिनों से चकमा दे रहा है. अभी तक इसके पकड़ें जाने को लेकर किसी भी तरह की कोई खबर नहीं मिली है. कुछ लोगों का यह मानना है कि अमृतपाल सिंह के तेजी से प्रमुखता में वृद्धि के पीछे एक साजिश है, जब पंजाब पुलिस उन्हें खोज रही है. तो इस बीच यह भी बताया जा रहा है कि दो राज्यों के किसान जो पहले तीन कृषि कानूनों (three Agricultural laws) के खिलाफ एक साल के लंबे संघर्ष के साथ एकजुट हुए थे, उनका दावा है कि राजनीतिक लाभ के अलावा उनके सहयोग को कम करने के प्रयास भी हो सकते हैं.

जींद के किसान नेता आजाद सिंह पलवा पूरी स्थिति को महज एक साजिश मानते हैं. बता दें कि कई किसान भाई अपनी स्थानीय मांगों के समर्थन में उचाना (जींद) में धरने पर बैठे हैं. इस दौरान तीन कृषि कानूनों के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले किसान पलवा ने कहा, "यह कोई समस्या नहीं है, फिर भी इस पर बहुत ध्यान दिया गया. इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया. यह केवल संघर्ष पैदा करने और पंजाब की शांति को भंग करने के लिए किया गया था. ऐसा लगता है कि इस पूरे खेल की कोई राजनीतिक प्रेरणा है.'

किसान नेता ने कहा, "हम इस तरह के घटनाक्रमों के बारे में चिंतित हैं, भले ही हाल की बारिश और ओलावृष्टि से हमारी फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है. लेकिन इसके बाद भी हम कई मुद्दों से लड़ रहे हैं." साथ ही किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी सरसों की फसल बेचने में कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.

हिसार के किसान कार्यकर्ता सुरेश कोठ का मानना ​​है कि अमृतपाल सिंह की चढ़ाई के लिए "एजेंसियां" जिम्मेदार थी. अखिल भारतीय किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष कोठ ने कहा, "इसमें उन राजनीतिक समूहों की भूमिका हो सकती है, जो पंजाब में कोई राजनीतिक समर्थन पाने में विफल रहे हैं."

इसके अतिरिक्त, ऐसे धार्मिक या जाति-आधारित विकास अनिवार्य रूप से किसानों और मजदूरों के आंदोलनों में बाधा डालते हैं. ऐसी स्थितियों में किसानों और श्रमिकों को घटकों के बारे में पता होना चाहिए ताकि वे उनसे सफलतापूर्वक निपट सकें.

ये भी पढ़ें: पंजाब पुलिस ने अमृतपाल की जारी की 7 तस्वीरें, लगातार रूप बदल रहा भगौड़ा

सुरेश कोठ ने कहा, ''विरोधियों द्वारा हमें बांटने की तमाम कोशिशों के बावजूद पंजाब और हरियाणा के किसान किसान आंदोलन के दौरान एकजुट रहे. हरियाणा में जब भी पंजाबी किसानों का काफिला आता था, स्थानीय लोग उनका अभिवादन करते थे और हर प्रकार की सहायता करते थे. दूसरी ओर, हमें गुरुद्वारों से प्रदर्शनकारी किसानों के लिए चल रहे भोजन के प्रावधान को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

English Summary: The rise of Amritpal increased the concern of farmer leaders, trying to break the unity (1)
Published on: 29 March 2023, 01:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now