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Updated on: 12 October, 2021 2:55 PM IST
Air Pollution

सरकार की लाख कोशिशों के बाद पराली की समस्या आज भी चुनौती बन कर सामने खड़ी है. अनेकों अभियान के माध्यम से पराली ना जलाने के लिए जागरूक करती आई सरकार के पास भी ठोस विल्कप नजर नहीं आ रहा.

जैसे- जैसे ठण्ड का मौसम और फसलों की कटाई नज़दीक आती जा रही है, सरकार के साथ-साथ आम जनता की भी चिंताएं बढ़नी शुरू हो गयी है. सरकार के द्वारा मना करने के बाद भी किसान धान के अवशेष में आग लगाने से नहीं रुक रहे. कृषि विभाग के अधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों को पराली को ना जलाकर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जागरूकता कैंप लगा रहे हैं. इसके बावजूद भी कुछ किसान ऐसे हैं जो फसल अवशेष को अपने खेतों में हीं जला रहे हैं. 

कृषि विभाग मतलौडा के डा. संजीत मालिक ने बताया कि कैंप के माध्यम से किसानों को अपनी धान की फसल कटाई उपरांत फसल अवशेष न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन में प्रयोग किए जाने वाले कृषि यंत्रों के बारे में भी समझाया जा रहा है की वो इसे ना जलाकर इसका सही उपयोग कर सकते हैं. और इन कृषि यंत्रों पर मिलने वाली प्रोत्साहन सब्सिडी की जानकारी भी दी जा रही है.अगर इसके बावजूद भी किसान फसल अवशेष जलाने से नहीं बाज़ आए तो जुरमाना सहित सरकारी कारवाही के भागीदार होंगे.

वहीं, दूसरी तरफ लोगों की मूर्खता का नतीजा कभी-कभी पूरे समाज को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही कुछ पानीपत के शुगर मिल के पीछे देखने को मिला. शुगर मिल के पीछे कबाड़ में किसी ने आग लगा दी. नतीज़न यहां की बंसी कॉलोनी, आरके पुरम, मुखीजा कॉलोनी, न्यू आरके पुरम में देखते-देखते धुंआ का बदल छाने लगा, लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया  है. लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचित किया. फायर ब्रिगेड की टीम ने आग तो बुझा लिया, लेकिन इसके बावजूद काफी देर तक धुआं बना रहा.

कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने बताया कि कबाड़ में अकसर आग लगा दी जाती है. इस वजह से आसपास की कालोनियों में रहने वाले लोगों का बुरा हाल हो जाता है, इतना ही नहीं पूरा एरिया गैस चैंबर बन जाता है. जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है.

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ऐसे में जिन लोगों को अस्थमा यानी दमा की बीमारी है उनकी हालत खराब हो जाती है. वहां के बासिन्दे लोगों की मांग है कि आग लगाने वालों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाना चाहिए. इनके ऊपर केस दर्ज होना चाहिए.

English Summary: The problem of stubble is still challenging the government
Published on: 12 October 2021, 03:09 PM IST

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