देशवासियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है. देशभर में खाद्य तेल (Edible Oils) की खुदरा कीमतें एक साल पहले की तुलना में अधिक हैं, लेकिन अक्टूबर 2021 से गिरावट आना शुरू हो गयी है. ख़ुशी की बात यह है कि खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में 5-20 रुपये प्रति किलोग्राम की भारी गिरावट (Edible Oil Became Cheaper) आई है.
खाद्य तेलों का औसत खुदरा मूल्य (Average Retail Price of Edible Oils)
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs) के आंकड़ों के मुताबिक, मूंगफली तेल का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 180 रुपये प्रति किलो, सरसों के तेल का 184.59 रुपये प्रति किलो, सोया तेल का 148.85 रुपये प्रति किलो, ताड़ का तेल 128.5 प्रति किलो, सूरजमुखी के तेल का 162.4 रुपये प्रति किलो और सूरजमुखी के तेल का 162.4 रुपये प्रति किलो है.
खाद्य तेलों की कीमतों में क्या आई कमी (What is the reduction in the prices of edible oils?)
आंकड़ों से पता चला है कि मूंगफली (Groundnut Oil) और सरसों के तेल (Mustard Oil Latest Price) की खुदरा कीमतों में 1 अक्टूबर 2021 की कीमतों की तुलना में 1.50-3 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है. जबकि सोया और सूरजमुखी तेल की कीमतें (Sunflower Oil Prices) अब 7-8 रुपये प्रति किलोग्राम हैं.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, अदानी विल्मर और रुचि इंडस्ट्रीज (Adani Wilmar and Ruchi Industries) समेत प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 15-20 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है. जिन अन्य कंपनियों ने खाद्य तेलों की कीमतों में कमी की है उनमें जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया, हैदराबाद, मोदी नेचुरल्स, दिल्ली, गोकुल री-फॉयल एंड सॉल्वेंट, विजय सॉल्वेक्स, गोकुल एग्रो रिसोर्सेज और एनके प्रोटीन शामिल हैं.
खाद्य तेलों की कीमतें कैसे हुईं कम (How did the prices of edible oils come down?)
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च कीमतों के बावजूद राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी के साथ केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आई है. खाद्य तेल की कीमतें एक साल पहले की तुलना में अधिक हैं लेकिन अक्टूबर से नीचे आ रही हैं.
आयात शुल्क में कमी और जमाखोरी पर अंकुश लगाने जैसे अन्य कदमों से सभी खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों को नीचे लाने में मदद मिली है और उपभोक्ताओं को राहत मिली है. खाद्य तेलों के आयात पर भारी निर्भरता के कारण घरेलू उत्पादन बढ़ाने के प्रयास जरूरी हैं.
भारत क्यों है तेल का सबसे बड़ा आयातक (Why India is the largest importer of oil)
जान लें कि भारत खाद्य तेलों के सबसे बड़े आयातकों में से एक है क्योंकि इसका घरेलू उत्पादन इसकी घरेलू मांग को पूरा करने में असमर्थ है. देश में खाद्य तेलों की खपत का लगभग 56-60 प्रतिशत आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक उत्पादन में कमी और निर्यातक देशों से निर्यात कर में वृद्धि के कारण खाद्य तेलों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर दबाव है. इसलिए खाद्य तेलों की घरेलू कीमतें आयातित तेलों की कीमतों से निर्धारित होती हैं.