खाद की कमी किसानों के साथ-साथ सरकार भी काफी परेशान कर रही है. अब विपक्ष ने भी खाद की कमी के लिए सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बता दें कि सरकार और किसानों के बीच पहले ही खाद की कमी को लेकर काफी तनाव रह चुका है.
ऐसे में अब हरियाणा सरकार ने विधानसभा को आश्वस्त किया कि राज्य में विभिन्न उर्वरकों का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है. सरकार ने यह आश्वासन विपक्ष के उस आरोप के जवाब में दिया कि राज्य में डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और यूरिया सहित विभिन्न खादों की कमी है. इससे रबी फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है.
वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने कहा कि जब राज्य में भाजपा-जजपा सरकार उर्वरकों की किसी भी कमी से इनकार कर रही है, तो किसानों को उर्वरक खरीदने के लिए लंबी कतारों में क्यों खड़ा देखा गया और उर्वरकों को पुलिस थानों के माध्यम से क्यों वितरित किया जा रहा था?
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में उठाया खाद की कमी का मुद्दा
कांग्रेस विधायक किरण चौधरी, जगबीर सिंह मलिक, चिरंजीवी राव, शिशुपाल सिंह, मम्मन खान, बिशन लाल, आफताब अहमद, गीता भुक्कल और इंडियन नेशनल लोकदल के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला ने इस मुद्दे को उठाने के लिए विधानसभा में ध्यानाकर्षण नोटिस दिया था. उन्होंने हरियाणा में उर्वरकों की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि डीएपी, यूरिया और अन्य उर्वरकों की भारी कमी से राज्य भर के किसान दहशत में हैं. उन्होंने कहा कि ये उर्वरक रबी फसलों के लिए प्रमुख पोषक तत्व हैं और इनकी कमी से गेहूं और सरसों की बुवाई प्रभावित हो रही है.
जरूरत के मुकाबले सिर्फ एक-तिहाई हुई सप्लाई
इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायकों ने आरोप लगाया कि उर्वरक खरीदने के लिए किसानों को अंबाला, करनाल सहित कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, नूंह, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी और हिसार जैसे कई जिलों में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कार्यालयों और उर्वरक डीलरों की दुकानों के बाहर लंबी कतारों में खड़े होने और इंतजार करने की सूचना मिली है. विधायकों ने आगे दावा किया कि हरियाणा में रबी सत्र के लिए डीएपी की आवश्यकता लगभग तीन लाख टन आंकी गई है, जबकि सप्लाई अब तक लगभग एक तिहाई की ही है.
कांग्रेस विधायक ने डीएपी वितरण पर उठाए कई सवाल
कांग्रेस विधायक जगबीर सिंह मलिक ने पूछा कि हाल ही में पुलिस थानों के माध्यम से डीएपी क्यों वितरित किया गया. जब सरकार उर्वरकों की कोई कमी नहीं होने का दावा करती है. मलिक ने कहा, “सरकार झूठ बोल रही है. तथ्य यह है कि छापे भी भी मारे गए थे, जो यह दर्शाता है कि इन उर्वरकों की कालाबाजारी कुछ लोगों द्वारा की जा रही थी.”विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी उर्वरकों की ‘कमी’ को लेकर किसानों की ‘कठिनाइयों’ पर सरकार से सवाल किया.
कांग्रेस विधायक और कृषि मंत्री के बीच हुई नोकझोंक
इस मुद्दे पर किरण चौधरी और कृषि मंत्री जेपी दलाल के बीच भी तीखी नोकझोंक हुई. किरण चौधरी ने कहा, ‘मंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोग सुबह पांच बजे से ही कतारों में नजर आ रहे थे.’ चौधरी ने कहा, ‘वे डीएपी, यूरिया की कमी से इनकार कर रहे हैं, जो एक खुला झूठ है.’ इस मुद्दे पर इनेलो के अभय चौटाला ने भी सरकार पर निशाना साधा.
हर जिले में उपलब्ध कराया गया खाद
कृषि मंत्री ने कहा कि हर जिले में फसलों की बुवाई को ध्यान में रखते हुए खाद उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी उर्वरकों की कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की है.
उन्होंने कहा कि 22 जिलों में 61 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, 157 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, 88 लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं और 20 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. इसके अलावा कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए 1,685 टीमों ने लगातार छापेमारी की है.