राजस्थान में दैनिक रूप से अपनी आजीविका कमाने वाले व्यक्ति और प्रवासी परिवार जिनका रोजगार इस लॉकडाउन की वजह से छूट गया है उनको सरकार की तरफ से नि:शुल्क 5 किलो गेहूं और 1 किलो चना उपलब्ध करवाया जाएगा. यह लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित परिवारों को छोड़कर दी जाएगी. इस योजना के लिए राज्य में प्रवासी व्यक्तियों और विशेष श्रेणी के परिवारों का सर्वे 31 मई तक होगा. वहीं रजिस्ट्रेशन में करवाने वाले सबसे ज्यादा लोग जयपुर से 38 हजार और नागौर जिले से 35 हजार लोग शामिल हैं. वहीं ई-मित्र कियोस्क और एप के जरिए अब तक 3 लाख 10 हजार किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.
इसमें सर्वे का काम 31 मई तक किया जाएगा जिसमें कोरोना महामारी की वजह से बंद उद्योग धंधे और उनमें कार्यरत कार्मिकों के लिए तय की गई 37 विशेष श्रेणी के परिवारों और प्रवासिय व्यक्तियों के नाम शामिल हैं. सर्वे का कार्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में किया जा रहा है. जिसमें यह कार्य ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप और बीएलओ के द्वारा किया जा रहा है. इसमें जो प्रवासी या व्यक्ति अपना रेजिस्ट्रेशन स्वयं करवाना चाहते हैं ई-मित्र मोबाईल ऐप या ई-मित्र कियोस्क पर कर सकते हैं. राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि सर्वे का काम पूरा होने के बाद ऐसे प्रवासी व्यक्ति जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित नहीं है. उन्हें मई और जून दो महीने के लिए प्रति व्यक्ति 5 किग्रा गेहूं प्रतिमाह व प्रति परिवार 1 किलो साबुत चना निःशुल्क वितरण किया जाएगा.
प्रवासियों को प्रदेश में गेहूं और साबुत चना का वितरण 15 जून से पहले कर दिया जाएगा. इसका वितरण 15 जून से पहले किया जाएगा. वहीं प्रवासियों को यह राशन डीलर के माधायम से किया जाएगा.
विशेष श्रेणी के परिवारों के सर्वे का काम जन आधार के डेटाबेस को काम में लेकर किया जाएगा. उन प्रवासियों का सर्वे पुन: नहीं किया जाएगा जिनका नाम फार्म 4 में उपलब्ध है. वहीं ऐसे प्रवासी जो अन्य राज्यों के हैं, उनका यहां जनआधार में पंजीयन नहीं होने के कारण डेटा उपलब्ध नहीं है. उनकी सूचना सर्वे के दौरान आधार नंबर के आधार पर मोबाइल एप में दर्ज की जाएगी.
कार्मिकों की श्रेणी इस प्रकार है
कोरोना वायरस से प्रभावित कार्मिकों की श्रेणी इस प्रकार है-
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हेयर सैलून में कार्यरत लोग.
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कपड़ा धुलाई और प्रेस का काम करने वाले कामगार.
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फुटवेयर मरम्मत और पॉलिश करने वाले कामगार.
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जो लोग घरों में साफ-सफाई करते हैं और खाना बनाते हैं.
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चौराहों पर या किसी अन्य स्थानों पर सामान बेचने वाले लोग.
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चौराहों या किसी स्थान पर भोजन पकाकर बेचने वाले.
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रिक्शा और ऑटो चलाने वाले लोग.
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पान बेचने वाले या पान की दुकान चलाने वाले लोग.
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होटल और रेस्टोरेंट के रसोइया और वेटर
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रद्दी बुनने वाले श्रमिक
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जो श्रमिक भवन के निर्मान में कार्यरत हैं.
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कोरोना महामारी की वजह से बंद बंद उद्योग धंधे के श्रमिक
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ड्राइवर-कंडक्टर जो निजी वाहन चलाते हैं.
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स्ट्रीट वेंडर्स/ ठेला-रेहड़ी वाले
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धार्मिक कार्य कराने वाले व्यक्ति
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वो लोग जो विवाह-निकाह या अन्य धार्मिक कार्यों को कराते हैं.
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कैटरिंग/ मैरिज पैलेस में काम करने वाले लोग.
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सिनेमा हॉल में काम करने वाले लोग
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सफाईकर्मी या सहायक जो कोचिंग संस्थानों में कार्यरत हैं
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शादियों में इस्तेमाल होने वाले बैंड में कार्यरत लोग.
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आभुषण, नगीने या चुड़ियों के काम करने वाले लोग.
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फर्नीचर, बुक बाइंडर-प्रिंटिंग प्रेस.
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पेंट यानि रंगाई और पुताई करने वाले कार्मिक.
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ऐसे लोग जो कठपुलीयों का खेले दिखाते हैं.
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ईंट और भट्टों में कार्य करने वाले श्रमिक.
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फूल और माला बनाने वाले लोग.
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पंचर की दुकान चलाने वाले लोग.
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दोना-पत्तल बनाने वाले लोग.
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घुमंतु-अर्द्धघुमंतु
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लुहार का काम करने वाले लोग
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मेलों में झूले लगाने वाले कामगार
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जादू, तमाशा, करतब दिखाने वाले लोग.
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लोक कलाकार जैसे कालबेलिया-मांगणियार इत्यादि
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स्टेशन पर कुली का काम करने वाले लोग
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मिट्टी के बर्तन बनाने वाले व अन्य कैटेगरी वालों को शामिल किया है.