कोरोना संकट की घड़ी से देशवासियों को उबारने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रहीं हैं. अब छत्तीसगढ़ के कृषि एवं सहकारिता मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जानकारी दी कि इस बार प्रदेश में 13 लाख किसानों को 4600 करोड़ रुपए से लोन वितरित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी तक 24.39 करोड़ रुपए की राशि से किसानों को लोन मुहैया करवाया जा चुका है.
कृषि मंत्री टेकाम वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से संवाद करते हुए बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य का 50 प्रतिशत खाद समितियों में पहुंच गया है. अभी भी प्रदेश में 3.90 लाख टन रासायनिक उर्वरक की उपलब्धता है. किसानों को किसी प्रकार की कमी नहीं होगी. अन्नदाता खेती का काम पूरी लग्न से करें. राज्य में अभी तक 1637 टन खाद का वितरण किया जा चुका है और जो भी जरूरत होगी, उसका वितरण जारी रहेगा.
कृषि मंत्री ने बताया कि किसान सामाजिक दूरी ( सोशल डिस्टेंसिंग) का पालन करते हुए खाद (उर्वरक) परमिट पर (कर्ज पर) ले सकते हैं और प्रदेश सरकार ने किसानों से 6 लाख 75 मीट्रिक टन गन्ना की खरीदी की है जिसका भुगतान 55 करोड़ रुपए से किया जा चुका है. अब भी 121 करोड़ रुपए का भुगतान करना शेष है जो सरकार कर रही है.
खाद, बीज और कीटनाशक व्यापारियों को नहीं मिल पा रहा है ई-पास
बता दें, जायद और खरीफ़ मौसम की बुवाई की तैयारी में जुटे किसानों को खाद, बीज और कीटनाशक न मिलने के कारण समस्या आ रही है. ये समस्या किसानों को ही नहीं बल्कि खेती के व्यवसाय से जुड़े लोगों (कृषि सामन विक्रेता) को भी आ रही है क्योंकि लाकडाउन के कारण व्यापारी को जिला से पास जारी नहीं हो पा रहा है. जबकि राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र को भी ई-पास के दायरे में शामिल किया है.
ई-पास जिला स्तर से न जारी होने का मुख्य कारण
ई-पास जिला स्तर से न जारी होने का मुख्य कारण यह कि कृषि विभाग ने जो सूची जिला कलेक्टरों भेजी है, उसमें केवल कृषि उपकरण और मशीनरी के विक्रेताओं को शामिल किया है. जिसके चलते जिला स्तर के अधिकारी उर्वरक और दवाइयों संबधी ई-पास नहीं जारी कर रहे हैं.