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Updated on: 1 November, 2021 3:40 PM IST
Ashok Gehlot

दिवाली में खुशियां बांटने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए केंद्र व राज्य सरकारें इस बार भी किसानों के बीच जमकर खुशियां बांट रही हैं. दिवाली से पहले केंद्र से लेकर राज्य सरकारें किसानों के लिए तोहफों की सौगात दे रही हैं.

इसी क्रम में राजस्थान सरकार किसानों की मदद करने के लिए आगे आई है. आपको बता दें कि राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए भूमिहीन किसानों को दिवाली पर बड़ा तोहफा (Diwali Gift) दिया है.

राज्य सरकार ने अपने एक अभियान के तहत ऐसे किसानों को खेती करने के लिए जमीन देना शुरू किया है, जिनके पास खेत नहीं हैं. इस अभियान के तहत लोगों का भी राजस्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज होगा,  ताकि ऐसे परिवारों का खेती (Farming) से गुजर-बसर हो सके.

आर्थिक स्थिति और जीवनयापन को सामान्य बनाने के लिए सरकार ने 2363 भूमिहीन किसानों (Landless Farmers) को 480 हेक्टेयर खेती योग्य जमीन आंवटित की है. ऐसा ‘प्रशासन गांवों के संग’ अभियान के तहत किया गया है. यह अभियान उन किसानों के लिए भी उम्मीद की किरण बना है, जिनके पास खेती-किसानी के लिए अपनी जमीन नहीं थी.

आपको बता दें कि स्वामीनाथन आयोग ने भूमिहीन किसानों को जमीन देने की सिफारिश की हुई है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक सरकार के पास ऐसे किसानों का कोई डाटाबैंक ही नहीं है. फिलहाल, अशोक गहलोत सरकार ने इसकी शुरुआत करके दूसरे राज्यों को भी इस तरह के कार्यों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया है. भारत में जमीन के सवाल पर काम करने वालों के लिए भूमिहीन किसानों की दशा एक अहम मुद्दा है.

अब सरकार की दूसरी योजना से भी मिलेगा किसानों को फायदा

राज्य के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि इस अभियान के तहत भूमिहीन किसानों को कृषि भूमि आंवटन नियमों के अनुसार भूमि आंवटित की जा रही है. इसके तहत किसानों को जमीन का मालिकाना हक (Land Ownership) मिलने से सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा. मिली जानकारी के मुताबिक, डूंगरपुर जिले में सबसे ज्यादा 2206 किसानों को 411.78 हेक्टेयर जमीन आंवटित की गई है.

किस जिले में कितना आवंटन

  • डूंगरपुर में 2206 किसानों को 411.78 हेक्टेयर जमीन आंवटित.

  • चित्तौड़गढ़ जिले के 51 भूमिहीन किसानों को 18.86 हेक्टेयर.

  • भीलवाड़ा के 49 किसानों को 24.24 हेक्टेयर.

  • बांसवाड़ा के 34 किसानों को 18.65 हेक्टेयर.

  • सिरोही के 13 किसानों को 1.55 हेक्टेयर.

  • जैसलमेर के 6 किसानों को 4.03 हेक्टेयर.

  • बारां के 2, दौसा और गंगानगर के एक-एक भूमिहीन किसान को भूमि आंवटित.

डूंगरपुर में  हुआ सबसे ज्यादा आवंटन

  • डूंगरपुर की बिच्छीवाड़ा पंचायत समिति के 600 किसानों को 116.96 हेक्टेयर.

  • आसपुर के 359 किसानों को 69.84 हेक्टेयर.

  • गलियाकोट के 358 किसानों को 60.96 हेक्टेयर.

  • सागवाडा के 259 किसानों को 60.18 हेक्टेयर.

  • दोवड़ा के 245 किसानों को 47.27 हेक्टेयर.

  • साबला के 141 किसानों को 28.65 हेक्टेयर.

  • सीमलवाडा के 9 किसानों को 1.66 हेक्टेयर.

  • डूंगरपुर पंचायत समिति के 235 किसानों को 26.26 हेक्टेयर भूमि आंवटित.

भूमिहीन किसानों का दर्द

केंद्र सरकार एक बार फिर विवादों में घिरती नज़र आई है. केंद्र सरकार के पास भूमिहीन किसानों का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुतबिक, “भूमिहीन किसानों का कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है.” इसकी वजह से ऐसे किसानों के लिए कोई राष्ट्रीय नीति नहीं बन पाई है. दूसरी ओर सच यह है कि देश में लाखों भूमिहीन लोग अपनी जीविका के लिए पट्टे पर जमीन लेकर खेती करते हैं. हालांकि, जमीन का किराया देने की वजह से उनकी खेती महंगी पड़ती है.

दूसरे राज्यों के लिए मिसाल

जमीन और उसका प्रबंधन राज्यों के वैधानिक एवं प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में आता है. इसमें केंद्र सरकार की भूमिका परामर्श देने वाले की तरह है. ऐसे में राज्य सरकारों को विशेष अभियान चलाकर पात्र गरीबों को जमीन वितरित करने की सलाह दी गई है. लेकिन राज्य सरकारें आमतौर गरीबों के लिए ऐसे फैसले लेने से बचती हैं. एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में चुनावी बदल चने लगे हैं.

वहीं, इस मामले में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार ने बिना चुनावी सीजन के ही भूमिहीन किसानों को जमीन देकर उत्तर प्रदेश और दूसरी राज्य सरकारों पर दबाव बढ़ा दिया है.

English Summary: The government is giving land to the landless farmers! Government made farmers happy before Diwali
Published on: 01 November 2021, 03:51 PM IST

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