आज हम आपको कृषि मंत्रालय के एक ऐसे फैसले से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसे जानकर किसान भाई खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. कृषि मंत्रालय की इस फैसले की अहमियत का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि किसानों को अपनी खुशी का इजहार करने के लिए अल्फाज़ भी कम पड़ रहे हैं.
बता दें कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने किसान भाइयों को तिलहन की उपज के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अधिक उपज वाले बीज मुफ्त में उपलब्ध कराने का फैसला किया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि ऐसा उन्होंने भारत को तिलहन की पैदावार में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किया है.
यूं तो तिलहन की पैदावार के मामले में भारत विश्व में तीसरे पायदान पर काबिज है, मगर विगत कुछ वर्षों से तिलहन की पैदावार के मामले में भारत पिछड़ता जा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) का यह कदम काफी चर्चा में है. बता दें कि विशेष खरीफ कार्यक्रम के माध्यम से तिलहन के अंतर्गत अतिरिक्त 6.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र आ जाएगा और 120.26 लाख क्विंटल तिलहन और 24.36 लाख टन खाद्य तेल के उत्पादन का अनुमान है.
इससे पहले भी हुई थी बैठक
हालांकि, इससे पहले भी केंद्र सरकार तिलहन (Tilhan) के मामले में भारत को आत्मनिर्भर ( Atmanirbharबनाने की दिशा में प्रतिबद्ध रही. जिसे लेकर विगत मार्च माह में केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में बैठक भी हुई थी, जिसमें तिलहन की पैदावार बढ़ाने को लेकर पूरा खाका तैयार कर लिया गया था. इस बैठक में तिलहन के इतर जोया, मूंगफली और सोयाबिन जैसी तिहलन की फसलों की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में पूरा प्लान तैयार किया था, जिसे काफी हद तक जमीन पर उतारा गया है, मगर अब माना जा रहा है कि आगामी दिनों में केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया यह उक्त कदम किसानों पर बड़ा प्रभाव डालेगा.
ऐसी है तिलहन की फसल बढ़ाने की रणनीति
वहीं, तिलहन की फसलों की उपज बढ़ाने की रणनीति कुछ इस प्रकार है, जिसे अब जमीन पर उतारने की कवायद शुरू हो चुकी है.मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में 41 जिलों के लिए सहरोपण के उद्देश्य से सोयाबीन के बीजों का वितरण किया जाएगा. यह वितरण 76.03 करोड़ रुपये की लागत से और 1,47,500 हेक्टेयर क्षेत्रों को कवर करके किया जाएगा.इसके साथ ही गुजरात में भी तिलहन की बीजों का मुफ्त वितरण किया जाएगा, ताकि निर्धारित किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति हो सके.
खैर, सरकार के इस फैसले का किसानों पर क्या कुछ असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन आप कृषि क्षेत्र से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए बने रहिए...कृषि जागरण के साथ....!