मध्य प्रदेश देश में सर्वाधिक तेंदुपत्ता उत्पादक राज्य है.प्रदेश का लगभग 25% मानक उत्पादन राज्य है. विगत 19 अप्रेल 2019 को मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चौहान ने चरण पादुका योजना लागू की जिसमें प्रदेश के अनुसूचित जाति, जन जाति,सहरिया आदिवासी संग्रहको (श्रमिकों) को भरोसा जताया की समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है. लगभग 23 लाख तेंदु पत्ता किसानों को 150 करोड़ आमदनी होगी. 12.50 रु से बड़ाकर 2000रु तक कर दी है.
तेंदुपत्ता किसानों और श्रमिकों द्वारा पत्तों की गड्डियाँ बनाकर बाज़ार में बेचा जाता है. एक गड्डी की किमत बाज़ार में 200 रु तक मिलता है.100 पत्तों की एक गड्डी बनाई जाती है. मन्दसौर के तहसील भानपुरा के गाँव निमतुर,सनडा,ढ़ाबला माधोसिंह,हमीरगढ़,कोटडी,गौवर्धनपुरा, धामनिया,नामली,प्रेमपुरिया,बदोडिया आदी क्षेत्र के ग्रामीण जगह से तेंदुपत्ता उत्पादन कर प्राप्त किया जाता है.इसके अलावा नीमच जिले के भी कई गाँव जहाँ पर तेंदुपत्ता का उत्पादन होता है.
गत वर्ष 21 लाख रु का तेंदुपत्ता संग्रहित किया गया था.शासन के निर्देशा अनुसार इस वर्ष लगभा 15 लाख रु का तेंदुपत्ता संग्रहित किया जा रहा है. भानपुरा के वन रेंजर शंकरलाल भुरिया ने बताया की शासन के निर्देशो अनुसार आसपास के विभिन्न गाँवों से तेंदुपत्ता संग्रहित किया जाना है इस वर्ष 15 लाख रु का तेंदुपत्ता संग्रहित किया जाना है. भुरिया ने बताया की शासन द्वारा निजी बीड़ी कम्पनी के मालिकों को तेंदुपत्ता विक्रय किया जाता है व बीड़ी मालिकों को हरा ओर पूरी साईज का तेंदुपत्ता प्राप्त करना ज़रूरी होता है. परंतु कहीं जगह तेंदुपत्ता संग्रहग करने वाले ग्रामीण कटा-पटा,लाल रंग का एवं कमजोर व काले धब्बे वाला तेंदुपत्ता संग्रहित कर अपने रुपये का दबाव व प्रभाव बनाकर विक्रय करना चाहते है. परंतु वन विभाग को प्राप्त निर्देशानुसार ही हम उपयोगी तेंदुपत्ता संग्रहित कर सकते है जो हम कर रहे है.
पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते देश में lock down होने की वजह से तेंदुपत्ता किसान को कई परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ़ धूम्रपान पर सरकार द्वारा प्रतिबन्ध लगाया गया है. बीड़ी बनाने वाली कंपनिया बन्द है. बाज़ार में बीड़ी पर प्रतिबन्ध होने खपत ना होने से कहीं ना कहीं बीड़ी कंपनियो के साथ साथ तेंदुपत्ता की खेती करने वाले किसानों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. किसानों की पूरी उम्मीद अब मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान पर टिकी है. शिवराज मामा अब तेंदुपत्ता किसानों को क्या राहत दे सकते हैं.
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