Telangana PM Fasal Bima Yojana: तेलंगाना के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब राज्य के किसानों पर मौसम की मार नहीं पड़ेगी. किसान अपनी को सुरक्षा प्रदान कर पाएंगे. जिससे उन्हें फसलों को होने वाले नुक्सान का भार नहीं उठाना पड़ेगा. दरअसल, किसानों को फसल बीमा देने और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के दौरान फसल के नुकसान के खिलाफ उनके निवेश की सुरक्षा के लिए तेलंगाना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में फिर से शामिल हो गया है. राज्य के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को सचिवालय में पीएमएफबीवाई के सीईओ और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव रितेश चौहान के साथ बैठक के बाद इस संबंध में एक घोषणा की.
किसानों को मिलेगा फसल बीमा का लाभ
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विपरीत परिस्थितियों में किसानों की खड़ी फसलों की सुरक्षा और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, तदनुसार, किसानों को अगले फसल सीजन से योजना (PM Fasal Bima Yojana) के तहत फसल बीमा मिलेगा. रितेश चौहान ने यह भी आश्वासन दिया कि पीएमएफबीवाई के तहत फसल नुकसान के मामले में समय पर मुआवजा प्रदान किया जाएगा. कृषि मंत्री तुम्मला नागेश्वर राव, वित्त के विशेष मुख्य सचिव के रामकृष्ण राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
तेलंगाना में बनेगा किसान आयोग
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ये भी घोषणा की कि जल्द ही राज्य में एक किसान आयोग का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसान आयोग किसानों और बटाईदार किसानों के कल्याण के लिए सिफारिशें देने के साथ-साथ उनकी शिकायतों का समाधान करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार बटाईदार किसानों के कल्याण और अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करेगी.
इस दौरान सीएम और प्रतिनिधियों ने बटाईदार किसानों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए नया कानून लाने का विचार साझा किया. मुख्यमंत्री ने राज्य में फसल चक्र अपनाने पर भी जोर दिया और कहा कि किसानों को सभी फसलों की खेती के लिए नए तरीके अपनाने चाहिए. उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि सरकार ने राज्य में सत्ता संभालने के दिन से ही कई कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किए हैं.
क्या है फसल बीमा योजना?
बता दें कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत फसलों को नुकसान पहुंचने पर किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. फसलों को नुकसान कई वजहों से पहुंच सकता है, जैसे- सूखा, बाढ़, जल भराव, कीट एवं व्याधि, भूस्खलन, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात आदि. अगर इन कारणों के चलते फसल बर्बाद हो जाती है या उपज 50 प्रतिशत से कम होती है तो ऐसी स्थिति में किसानों को फसल बीमा दिया जाता है. लेकिन, इसके लिए किसानों को 72 घंटे के अंदर अपनी बीमा कंपनी को जानकारी देनी होती है.
इसके अलावा खेत में काटकर सुखाने के लिए फैलाकर छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती बारिश या असामयिक बारिश या ओलावृष्टि से नुकसान होने पर भी फसल बीमा दिया जाता है. ऐसी स्थिति में कटाई के बाद 14 दिनों तक किसान फसल बीमा क्लेम के हकदार होते हैं.