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Updated on: 5 January, 2024 2:30 PM IST
बागानों में जल्द चाय की पत्तियां तोड़ेंगे AI रोबोट.

Robotic Tea Harvester: मजदूरों की कमी से जूझ रहे चाय बागान के मालिकों के लिए अच्छी खबर है. जल्द ही चाय बागानों में अब AI का इस्तेमाल किया जाएगा. जी हां, सही सुना आपने. मजदूरों की कमी को पूरा करने के लिए जल्द ही रोबोटिक हार्वेस्टर बगानों में उतारे जाएंगे, जो मजदूरों का विकल्प होगा और उनकी जगह चाय की पत्ती तोड़ेंगे. इसके लिए देश में कृत्रिम बुद्धि-नियंत्रित यानी AI आधारित चाय तोड़ने वाली मशीन बनाई जा रही हैं, जो चाय बागान मालिकों को काफी राहत देगी.

दरअसल, उत्तर और दक्षिण भारत के चाय बागानों में श्रमिकों की कमी चाय की समग्र गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है. जिसके चलते अब रोबोटिक हार्वेस्टर की मदद लेने के तैयारी की जा रही है. अच्छी खबर यह है कि चाय की पत्तियों को चुनने के लिए एक अत्याधुनिक मानवरहित रोबोटिक प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) की अनुसंधान एवं विकास परियोजना अंतिम चरण में है.

'रोबोटिक प्लकर विकसित करने का पहला प्रयास'

बिजनेसलाइन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, आदित्य कुमार सिन्हा, केंद्र प्रमुख, सी-डैक कोलकाता ने बताया, "मुझे लगता है कि चाय की पत्तियों को तोड़ने के लिए इस तरह की रोबोटिक प्लकर विकसित करने का यह दुनिया भर में पहला प्रयास है. हम व्यापक परीक्षणों के लिए मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में एक स्वचालित पहिये वाले वाहन के साथ रोबोटिक प्लकर को क्षेत्र में ले जाने की योजना बना रहे हैं. हमें संचालन की गति और चाय पत्ती का पता लगाने की सटीकता को देखने की जरूरत है."

बता दें कि सी-डैक आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है. सी-डैक कोलकाता, जादवपुर विश्वविद्यालय, सीआईएई भोपाल और टी रिसर्च एसोसिएशन, टोकलाई, जोरहाट के सहयोग से चाय उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक स्वचालित चाय तोड़ने की मशीन विकसित कर रहा है.

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जल्द होगा मशीन का परीक्षण 

संयुक्त निदेशक और परियोजना का नेतृत्व कर रहे हेना रे ने कहा, "हमारा प्राथमिक ध्यान वांछित पत्तियों की सटीक पहचान और स्थान प्राप्त करने पर है, जो एक उन्नत मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के कार्यान्वयन के माध्यम से संभव हुआ है जिसमें एक आरजीबी गहराई कैमरा शामिल है. एक बार जब कैमरा पत्तियों और कलियों का स्थान कैप्चर कर लेता है, तो केंद्रीय नियंत्रक विकसित कार्टेशियन रोबोटिक मैनिपुलेटर को एक कमांड शुरू करता है. रोबोटिक भुजा फिर पूर्व-निर्धारित पैटर्न का पालन करते हुए दो पत्तियों और एक कली के सभी बिंदुओं तक पहुंचती है, कोमल पत्तियों को काटती है और उन्हें कन्वेयर पर गिरा देती है, जो रोबोटिक प्लेटफॉर्म के बगल में फिट होता है." सी-डैक अधिकारियों के मुताबिक, चाय तोड़ने वाली मशीनों का छह महीने तक व्यापक परीक्षण किया जाएगा. अगर यह सफल रहा तो सितंबर के अंत तक पूरी तकनीक तैयार हो जाएगी.

घाटी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है मशीन 

मुख्य रूप से, यह एप्लिकेशन असम और डुआर्स जैसे घाटी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होगा, जहां ढलान अधिक नहीं हैं. यदि वर्तमान में विकसित की जा रही चाय तोड़ने की मशीन सफल हो जाती है, तो सी-डैक इस तकनीक को अधिक ढलान वाले चाय बागानों के लिए भी उपयुक्त बनाने के लिए अन्य विकल्पों का प्रयास करेगा. चाय उद्योग के विशेषज्ञों ने सी-डैक की पहल का स्वागत किया है. पूर्व भारतीय चाय संघ (आईटीए) सचिव सुजीत पात्रा ने कहा,"चाय उद्योग में कोई भी आविष्कार और अनुप्रयोग एक स्वागत योग्य कदम है. यह अच्छी खबर है जब उद्योग अनुभवी प्लकर्स की कमी से जूझ रहा है. कुछ बागानों ने पहले से ही विभिन्न प्रकार की प्लकिंग मशीनें तैनात कर दी हैं. हालांकि उत्पादकता अधिक हो सकती है, लेकिन उपज की गुणवत्ता और स्वीकार्यता को देखने की जरूरत है."

English Summary: Tea leaves will soon be plucked in tea gardens with AI robots C-DAC has prepared the Robotic Tea Harvester Know its features
Published on: 05 January 2024, 02:35 PM IST

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