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Updated on: 17 February, 2023 10:41 AM IST
23 नई फसलों की किस्म हुईं जारी

किसानों को खेती-बाड़ी में अधिक लाभ पहुंचाने के लिए सरकार के साथ कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक (Scientist of Agricultural University) भी लगातार नई-नई किस्मों को विकसित करने में लगे रहते हैं. इसी कड़ी में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (TNAU) भी किसानों की मदद के लिए आगे आई है. दरअसल, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने 15 फरवरी, 2023  बुधवार के दिन 23 नई फसल की किस्मों को जारी किया है, जो किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित होंगी. तो आइए इन किस्मों के बारे में जानते हैं, ताकि आप इन्हें सही तरीके से अपने खेत में इस्तेमाल कर सकें.

सभी मौसम में उपयुक्त

तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई नई किस्म का नाम Co-57 दिया गया है. यह एक नई कवुनी (मध्यम-दाने वाले काले चावल) किस्म है, जो उपज को कई गुना बढ़ा देगी. इस किस्म को लेकर  टीएनएयू की कुलपति वी गीतालक्ष्मी ने कहा कि यह किस्म किसान भाइयों के लिए सभी मौसमों में अच्छा लाभ देगी.  

नई किस्म के फायदे

इस नई किस्म की उपज लगभग 4,600 किग्रा/हेक्टेयर तक है, जो बाकी किस्मों की तुलना में 100 प्रतिशत तक अधिक है. यह नई किस्म खेत में लगाने के बाद 130-135 दिनों में कटाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह किस्म उच्च फाइबर और प्रोटीन के लिए उच्च पोषण मूल्य है, लेकिन इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम है. जानकारी से यह भी पता चला है कि इस इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, जो रक्त शर्करा के स्तर में अचानक बढ़ने से रोकने में मदद करेगा.   इसकी सबसे अच्छी खासियत यह है कि इसमें फ्लेवोनोइड्स की उपस्थिति के कारण कैंसर विरोधी गुण भी पाए जाते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गीतालक्ष्मी ने 16 कृषि फसलों, तीन बागवानी फसलों और नई वृक्ष किस्मों को जारी किया है और साथ ही उन्होंने 10 नई कृषि तकनीक और कृषि उपकरण भी किसानों के लिए पेश किए हैं.

इसके अलावा टीएनएयू ने किसानों को ध्यान में रखते हुए बाजरा केओएच-10, सोरघम के-13, बार्नयार्ड बाजरा की किस्में अथियांदल 1 और अथियेंदल 2, हरा चना केओ-9 और वंबन-6, सूरजमुखी सीओएच-4, तिल वीआरआई-5 और तुरई मदुरै-1 भी जारी कर दिए है. साथ ही रेड सैंडर्स, कैसुरिना और अफ्रीकी महोगनी की नई किस्में भी जारी की गई.

कुछ बेहतरीन किस्मों की जानकारी

किसानों के लिए छोटे दाने वाले KO-56 चावल की किस्म सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए उपयुक्त मानी जाती है. यह करीब 130 दिन में तैयार हो जाती है और यह 15-20% अधिक उपज देती है. देखा जाए तो यह मध्यम रूप से कीटों के हमले के लिए प्रतिरोधी भी है.  

ADT-58 किसानों के लिए फसल में 15% वृद्धि के साथ डेल्टा क्षेत्र के लिए उपयुक्त है. इसके अलावा उपज, और एएसडी -21 इडली चावल की किस्म दक्षिणी जिलों के किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.

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हाइब्रिड मक्का CoHM-11  बाकी सामान्य फसल की तुलना में अधिक उपज देता है और इसमें फॉल आर्मीवर्म के हमले के लिए उच्च प्रतिरोध क्षमता भी पाई जाती है

English Summary: Tamil Nadu Agricultural University released 23 new crop varieties
Published on: 17 February 2023, 10:50 AM IST

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