नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 28 May, 2020 4:50 PM IST

भारत के किसानों के लिए साल 2020 बहुत ही दुखदाई रहा है. फरवरी और मार्च माह में किसानों की पकी हुई फसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई. इस आपदा के बाद बची शेष बची फसलों की कटाई देशब्यापी तालाबंदी के चलते सही समय पर न हो सकी उसके बाद अब उसे बेचने में भी दिक्कते आने लगी हैं. किसान इन सभी विपदाओं से अभी उबरा नहीं था की एक और नई चुनौती किसानों के सामने आ गई हैं. अब यह नई चुनौती टिड्डी दल (कीटाणु) की है.  बता दें, देश में टिड्डी दल का प्रकोप दिन प्रति-दिन और भी बढ़ता ही जा रहा है.  भारत में राजस्थान से शुरू हुआ टिड्डी कीट प्रकोप अब देश के कई राज्यों जैसे राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में पहुंच चुका है.   

बता दें, एक बार टिड्डी कीटों का दल जिस क्षेत्र में पहुंच जा रहा है वहां की सभी प्रकार की फसलों के पत्तियों को चट कर जा रहा है. जिससे फसलों का विकास नहीं हो पा रहा है. राज्य सरकार इसे रोकने के लिए प्रदेश स्तर पर नियंत्रण कक्ष बना रहीं है.  मध्य प्रदेश सरकार ने तो हर जिले में इसके लिए अलग से कक्ष बनाने का आदेश दिया है. राज्य सरकार केंद्र सरकार के एजेंसी के साथ मिलकर टिड्डी पर नियंत्रण करने कि कोशिश में लगी है जिससे इसे जल्द से जल्द रोका जा सके.

बता दें कि मध्य प्रदेश के खेती विभाग के मुख्य सचिव केशरी ने बताया कि विभाग के द्वारा ट्रैक्टर चलित स्प्रे–पंप ओर फायर ब्रिगेड के माध्यम से कीटनाशक दवाओं का छिडकाव जिलों में आवश्यकता के अनुसार करवा रही है, इसके रोकथाम के लिए जिले स्तर पर कमेटी गठित की गई है. राज्य स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, किसान दिए हुए 07552558823 टोल फ्री नंबर पर जानकारी ले और दे सकते है. किसान और कृषि अधिकारी तत्काल नंबर पर सूचना देकर आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं .

ये खबर भी पढ़े: धान की सीधी बुवाई में बहुत काम आएगा ये कृषि यंत्र, जानें कैसे करना है इसका उपयोग

English Summary: Talking about the work of farmers: when grasshopper insect attack farmers call this number
Published on: 28 May 2020, 04:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now