Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 May, 2024 11:02 AM IST
डॉ. यू. एस. गौतम, उप महानिदेशक (कृषि प्रसार)

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में दिनांक 16 मई 2024 को डॉ. यू. एस. गौतम, उप महानिदेशक (कृषि प्रसार), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया. सभी वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि आजकल नई एवं उच्च उपज वाली किस्म एवं उन्नत तकनीक के साथ टिकाऊ कृषि पर भी जोर दिया जा रहा है. किसान भाई को सतत् विकास के लिए टिकाऊ कृषि प्रणाली अपनाने की जरुरत है . साथ ही उन्होंने बताया कि वर्ष 2047 तक हमारे ज्यादातर किसान कृषि व्यवसायी के रुप में कार्य करेंगे तथा कृषि सलाह सेवाएं शुल्क आधारित होंगी.

इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने सर्वप्रथम उप महानिदेशक का स्वागत किया एवं संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं प्रगतिशील परियोजनाओं की जानकारी दी . अटारी पटना के निदेशक डॉ. अंजनी कुमार ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए युवा वैज्ञानिकों को शोध कार्य के लिए प्रेरित किया.

इस कार्यक्रम में डॉ. धीरज कुमार सिंह द्वारा जीरो हंगर एवं जीरो तकनीक अंतर वाले गांव के विकास से संबंधित परियोजना पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, साथ ही संस्थान के PRAYAS परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी डॉ. अनिर्बन मुखर्जी द्वारा दी गई. डॉ. गौतम ने इन परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हुए इन्हें बेहतर बनाने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव दिए.

 डॉ. गौतम ने वैज्ञानिकों से एक-एक गांव विकसित करने को कहा जहां कोई तकनीकी अंतर ना हो साथ ही एक ऐसा गांव जहां कोई भुखमरी ना हो . उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से नई-नई अनुसंधान योजनाओं के लिए आवेदन करने का आह्वान किया तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा हर संभव सहायता देने की भी बात कही . इस दौरान उन्होंने नीति अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने की भी सलाह दी . डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रभागाध्यक्ष, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.

English Summary: sustainable farming system farmers income ICAR Indian Agriculture
Published on: 17 May 2024, 11:04 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now