Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 5 May, 2022 5:56 PM IST
A Big Decesion of Supreme Court

सरकारी और प्राईवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए एक ख़ास खबर है. दिल्ली सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सरकारी कर्मचारियों के हित के लिये यह बड़ा फैसला लिया गया है. आने वाले दिनों में यह कर्मचारियों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कौन सा बड़ा फैसला लिया गया आइये जानते हैं.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से बीते कुछ दिन पहले सरकारी एवं प्राईवेट नौकरी कर रहे कर्मचारियों के हक के लिए दो बड़े फैसले लिए गये हैं. सबसे पहले बात करते हैं सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लिया गया पहला फैसला, जिसमें बताया जा रहा है कि ऐसे कर्मचारी,  जिनकी नौकरी के दौरान अगर कोई FIR दर्ज की जानकारी मिलती है तो कम्पनी उसको नौकरी से नहीं निकाल सकती है.

इसके अलावा दूसरा फैसला यह लिया गया है कि, यदि किसी कर्मचारी को  उसकी नौकरी के दौरान भुगतान या इंक्रीमेंट गलती से किया गया हो तो उसके रिटायरमेंट के बाद उससे वह पैसा की वसूली सारकार या प्राइवेट कंपनी नहीं कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह गलती उधर से हुई है जिसका खामियाजा भी उन्हें ही भुगतना होगा.  हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे दो याचिकाओं की सुनवाई की है जिस वजह से कोर्ट की तरफ से यह फैसला लिया गया है. 

सबसे पहले बात करते हैं एक कांस्टेबल पवन कुमार की, जो कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में कांस्टेबल के पद के लिए चुना गया थे, लेकिन उनकी ट्रेनिंग के दौरान FIR की बातों का खुलासा हुआ तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. ऐसे में पवन कुमार ने मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट के तरफ हाथ बढ़ाया.

जिसमें कोर्ट की तरफ से याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया गया कि यदि किसी कर्मचारी ने अपनी जानकारी को छिपाया है या गलत बताया की है, उसे स्थिति में सेवा में बनाये रखने की मांग करने का कोई अधिकार तो नहीं है लेकिन कम से कम उसके साथ मनमाने ढंग से व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए.वहीँ दूसरी ओर केरल के एक शिक्षक का  मामला भी सामने आया था जिसमें बताया जा रहा है कि केरल के इस शिक्षक ने साल 1973 में स्टडी लीव ली लेकिन उन्हें इंक्रीमेंट देते समय उस अवकाश की अवधि पर विचार नहीं किया गया था.फिर 24 साल बाद 1999 में उनके रिटायर होने के बाद स्कूल की तरफ से उनके खिलाफ वसूली की कार्यवाही शुरू कर दी थी. इन मामलों को सुलझाने के लिए शिक्षक हाई कोर्ट गए लेकिन उनके हित में कोई सुनवाई नहीं हुई तो इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

तब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से याचिका की पूरी सुनवाई हुई जिसमें कहा गया कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी, विशेषकर जो नीची शश्रेणीं में आते हैं, वे जो भी राशि प्राप्त करते है, उसे अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए खर्च करने का पूरा अधिकार होगा. वही अगर किसी कर्मचारी को गलत भुगतान की जानकारी प्राप्त होती है तो कोर्ट बसूली के खिलाफ किसी भी तरह की सहायता नहीं करेगा.

English Summary: Supreme Court's 2 big decision for employees doing government and private jobs, know the reason
Published on: 05 May 2022, 06:02 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now