आनुवांशिकी इंजीनियरिंग मुल्यांकन समिति (जीईएसी) द्वारा सरसों के हाइब्रिड जीएम धारा एमएच-11 की पर्यावरण रिलीज की मंजूरी के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. याचिकाकर्त्ता अरुणा रोड्रिग्स के आवेदन पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी 10 नवंबर की तारीख तय की है.
इस बीच केंद्र ने बृहस्पतिवार को जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सुधांशु धूलिया की बेंच को आश्वासन दिया है कि सरकार जीईएसी के फैसले पर तब तक कोई कार्रवाई नही करेगी. केंद्र की सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद, शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने अपने आदेश को यथास्थिति रखा है.
याचिकाकर्त्ता अरुणा रोड्रिग्स के आवेदन में आनुवांशिकी इंजीनियरिंग समिति के जीएम सरसों की पर्यावरण रिलीज की मंजूरी को चुनौती दी गई है. 18 अक्टूबर को जीईएसी और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को 5 राज्यों जीएम सरसों की पर्यावरण रिलीज को मंजूरी दी थी.
'केंद्र ने दिया था आश्वासन-कोर्ट के फैसले तक नहीं होगी पर्यावरण रिलीज'
याचिकाकर्त्ता के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बताया कि 2012 में अदालत ने देश में जीएम फसलों के भविष्य के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. समिति ने खरपतवार नाशकों के प्रयोग को फसलों के लिए अनुपयुक्त बताया था. समिति ने रिपोर्ट में कहा था कि खरपतवार नाशकों में कैंसर कारक तत्व पाए गए हैं. समिति ने सभी जीएम फसलों पर सुप्रीम कोर्ट से प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.
अधिवक्ता ने न्यायधीशों की बेंच को बताया कि केंद्र ने 2016 और 2017 में कई मौकों पर कोर्ट को आश्वासन दिया था कि कोर्ट के फैसले तक जीएम सरसों की पर्यावरण रिलीज को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा. अगर ऐसा कोई निर्णय लिया जाता है. तो उसे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा.
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केंद्र की सॉलिसिटर जनरल बेंच के समक्ष रखेंगी जीएम सरसों के दस्तावेज
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जीएम सरसों पर पर्यावरण रिलीज के फैसले की सही स्थिति जानने का आदेश दिया है. पर्यावरण रिलीज के फैसले पर केंद्र की अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा है कि जीएम सरसों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की निगरानी में बोया जाएगा. वह सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष इस बुवाई-उपज की प्रक्रिया के दस्तावेज पेश करने के लिए भी सहमत हुई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जीएम सरसों के भविष्य पर फैसले को लेकर 10 नवंबर की तारीख तय की है.