देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की अवमानना वाली याचिका पर सुनवाई की. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर के 'चौकीदार चोर है' वाले बयान पर खेद जताया था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जवाब से संतुष्ट' नहीं हुआ और उसने कांग्रेस अध्यजक्ष को दोबारा नोटिस भेज दिया. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई करेगी.
दरअसल कांग्रेस अध्यतक्ष राहुल गांधी की ओर से पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी नेताओं पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाने के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हलफनामे में बीजेपी के उन नेताओं के बयानों के दिए ब्योरे की तरफ भी अदालत का ध्यान आकर्षित किया. गौरतलब है कि दलीलों के दौरान जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वकील मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने उनसे केवल स्पष्टीकरण मांगा था जो दिया जा चुका है. इस पर प्रधान न्यायधीश ने कहा कि यदि आप कह रहे हैं कि नोटिस नहीं जारी हुआ तो अब हम नोटिस जारी कर रहे हैं. इसके साथ ही अदालत ने राहुल को नोटिस जारी कर दिया.
तो वही दूसरी ओर, याचिकाकर्ता मीनाक्षी लेखी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आदेश देखे बिना ही पत्रकारों से ऐसा कह दिया था. उन्होंने यह भी माना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ऐसा नहीं था. राहुल गांधी ने अपने जवाब में दिए गए बयान पर जिस तरह से खेद जताया है, उसे माफी मांगना नहीं कहा जा सकता है.
बता दें कि राफेल डील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों मोदी सरकार को तगड़ा झटका दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार की आपत्तियों को खारिज करने के साथ ही पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर स्वीकार करने की अनुमति प्रदान कर दी थी. सर्वोच्च अदालत इन दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार याचिका पर आगे की सुनवाई करेगा. सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में कांग्रेस के 'चौकीदार चोर है' के आरोप पर मुहर लगा दी है. इसके बाद बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर राहुल गांधी के बयान को अदालत की अवमानना बताया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर कांग्रेस अध्यकक्ष से जवाब मांगा था. हालांकि राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए खेद जताया था.