PM Kisan Update: 4 राज्यों के किसानों को मिली 21वीं किस्त, जानें बाकी किसानों को कब तक मिलेगा लाभ? Weather Update: यूपी, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड समेत इन राज्यों में होगी बारिश, जानिए अपने यहां का पूरा मौसम अपडेट Sankalp Retail: देशभर में कृषि-इनपुट खुदरा व्यापार को बदलना और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 21 March, 2025 1:33 PM IST
श्री अन्न को प्रोत्साहित करने से बढ़ा बाजरे का समर्थन मूल्य (Image Source: Freepik)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से मोटे अनाज को 'श्री अन्न' के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है. बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि होने से किसानों की आय बढ़ी है और वे अधिक उत्साह के साथ इसकी खेती कर रहे हैं. सरकार की नीतियों और योजनाओं से बाजरा उत्पादन में वृद्धि होने की पूरी संभावना है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति और भी मजबूत होगी.

वहीं, राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मोटे अनाज को 'श्री अन्न' घोषित करने के बाद बाजरे के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी हुई है. इसका सीधा लाभ प्रदेश के किसानों को मिल रहा है.

बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि

मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा श्री अन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं. इसके तहत किसानों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें अधिक उपज के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने बाजरे के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की है, जिससे किसानों को उचित दाम मिल रहे हैं.

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि बाजरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में पिछले दस वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वर्ष 2014 में बाजरे का समर्थन मूल्य ₹1250 प्रति क्विंटल था, जो 2024 में बढ़कर ₹2625 प्रति क्विंटल हो गया है. उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 में विभिन्न राज्यों में बाजरे की खरीद इस प्रकार हुई.

  • गुजरात: 936 किसानों से 3,818 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया.
  • हरियाणा: 1,59,067 किसानों से 4,48,387 मीट्रिक टन की खरीद हुई.
  • उत्तर प्रदेश: 16,817 किसानों से 1,01,311 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा गया.

बाजरा उत्पादन के आंकड़े

मंत्री ने विधायक पब्बाराम विश्नोई के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बाजरे के उत्पादन के आंकड़े भी साझा किए—

  • 2021-22: 43.13 लाख टन
  • 2022-23: 59.18 लाख टन
  • 2023-24: 43.82 लाख टन

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बाजरा खरीद के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया था और न ही इस अवधि में MSP पर खरीद हुई. सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए बाजार आधारित तंत्र पर जोर दिया जा रहा है.

किसानों को मिल रहा लाभ

बाजरे के समर्थन मूल्य में वृद्धि होने से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है. इससे प्रदेश के किसान बाजरे की खेती की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं.

  • बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ने से किसानों की आमदनी में सुधार हुआ है.
  • बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं लागू कर रही है.
  • बाजरे की बढ़ती मांग से किसानों को बाजार में बेहतर कीमत मिल रही है.

राजस्थान में बाजरे की खेती का महत्व

राजस्थान में बाजरा एक प्रमुख फसल है और इसे कम पानी वाले क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है. राज्य सरकार किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक और उन्नत बीजों की सुविधा प्रदान कर रही है, जिससे बाजरे की पैदावार में बढ़ोतरी हो रही है.

सरकार की योजनाएं और प्रयास

राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर किसानों को श्री अन्न की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. इसके तहत विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें उन्नत बीज, सिंचाई की सुविधाएं और मार्केटिंग सपोर्ट शामिल हैं. इसके अलावा, सरकार बाजरे के भंडारण और विपणन के लिए भी नई रणनीतियां बना रही है.

English Summary: support price of millet increased due to promotion of Shri Anna
Published on: 21 March 2025, 01:36 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now