खेती-बाड़ी को आसान और मुनाफे का साधन बनाने के लिए सरकार समय-समय पर नई योजनाएं और अनुदान की सुविधा देती रहती है. इस बार किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. अब पराली प्रबंधन को लेकर किसानों को महंगे कृषि यंत्र खरीदने में बड़ी राहत दी जा रही है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार किसानों को पराली जलाने से रोकने और खेतों की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए आकर्षक अनुदान उपलब्ध करा रही हैं. इनमें सबसे खास है सुपर सीडर मशीन.
यह मशीन किसानों को पराली के प्रबंधन के साथ-साथ गेहूं की बुआई करने में भी मदद करती है. सरकार ने इस पर 1 लाख 20 हजार रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है. साथ ही जीएसटी स्लैब में कटौती होने के बाद अब इन मशीनों की कीमत पहले से भी कम हो गई है.
सुपर सीडर पर मिलेगा बड़ा फायदा
सुपर सीडर एक आधुनिक कृषि यंत्र है, जो खेतों में पराली को मिट्टी में मिलाकर गेहूं की बुआई करने में मदद करता है. पहले इस मशीन की कीमत लगभग 2 लाख 70 हजार रुपये थी, लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है. इस बदलाव से मशीन की कीमत कम होकर अब 2 लाख 53 हजार 125 रुपये रह गई है. इस पर सरकार की ओर से 1 लाख 20 हजार रुपये का अनुदान मिलने के बाद किसान को यह मशीन केवल 1 लाख 33 हजार रुपये में मिल जाएगी. इससे किसानों को पराली प्रबंधन आसान और सस्ता हो जाएगा.
पराली प्रबंधन क्यों है जरूरी?
पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति कम होती है और उपयोगी मित्र कीटाणु नष्ट हो जाते हैं. साथ ही, पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में सरकार लगातार किसानों से अपील कर रही है कि वे पराली को न जलाएं और इसकी जगह पराली प्रबंधन यंत्रों का उपयोग करें. सुपर सीडर और अन्य मशीनें न सिर्फ खेत की उर्वरा शक्ति बचाती हैं बल्कि समय और श्रम की भी बचत करती हैं.
अन्य कृषि यंत्रों पर भी मिलेगा अनुदान
सिर्फ सुपर सीडर ही नहीं, बल्कि अन्य पराली प्रबंधन यंत्रों पर भी सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है.
-
हैप्पी सीडर और स्मार्ट सीडर - 85,000 रुपये अनुदान
-
मल्चर - 90,000 रुपये अनुदान
-
जी-टील सीड ड्रिल - 50% अनुदान
-
बेलर (15 लाख का) - 6 लाख 60 हजार रुपये अनुदान
-
स्लेसर - 27,500 रुपये अनुदान
-
रिवर्सिबल प्लग - 50% अनुदान
-
स्ट्रा रीपर (3 लाख का) - 1 लाख 50 हजार रुपये अनुदान
-
रीपर कम बाइंडर (5 लाख का) - 2 लाख रुपये अनुदान
-
हे-रेक (3 से 4 लाख तक की मशीन) - 50% अनुदान
इन योजनाओं के तहत किसानों को अब महंगे कृषि यंत्र भी सस्ती दरों पर उपलब्ध हो रहे हैं.
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
किसानों को इन यंत्रों का लाभ पाने के लिए अब ज्यादा भाग-दौड़ नहीं करनी होगी. ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के जरिए किसान घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. जिला प्रशासन और कृषि विभाग भी किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक कर रहे हैं. श्योपुर जिले के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने किसानों से अपील की है कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर जिले को पराली मुक्त बनाने में योगदान दें.
किसानों को मिलेंगे कई फायदे
-
खेतों की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी.
-
पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से बचाव होगा.
-
आधुनिक मशीनों से समय और श्रम की बचत होगी.
-
बुआई और फसल उत्पादन की प्रक्रिया सरल होगी.
-
सरकारी अनुदान से महंगी मशीनें भी सस्ती दरों पर मिल सकेंगी.