सुमिंतर इंडिया ऑर्गॅनिक्स द्वारा चलाये जा रहे जैविक खेती जागरूकता अभियान में जैविक खेती के प्रचार हेतु किसानों को फसल पूर्व प्रशिक्षण दिया गया यह प्रशिक्षण आगामी रबी फसल पर आधारित था. प्रशिक्षण का आयोजन मध्यप्रदेश के अलिराजपुर जिले के गांव बेहड़वा, विलझरी, अम्बाजा, डाबड़ी, सिन्दी, खुटाजा एवं खोड़जमाली गावों में दिनांक 12 ,13 एवं 14 नवम्बर को आयोजित किया गया जिसमे लगमग 250 किसानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया.
प्रशिक्षण में किसानों की आगामी फसल की बुवाई, कटाई, सिंचाई, एवं उत्पन्न अनाज की भण्डारण का जैविक तरीका बताया गया. प्रशिक्षण का आयोजन गावों में था. प्रत्येक गांव में फसले अगल अलग लगाई जिसमे मुख्य रूप में गेहूँ मक्का चना एवं तुअर की फसल हैं. फसल की बुवाई से पूर्व खेत की तैयारी खाद का उपयोग एवं मात्रा बीज का चुनाव कैसे करें अच्छे बीज की गुण, जमाव परिक्षण बीज उपचार की जैविक विधि को बताया गया.
बीज उपचार में जैविक फफूंदनाशी ट्राइकोडरमा की उपयोगिता तथा जीवाणु खाद. जैवउर्वरक, जीवाणु कल्चर से बीज उपचार की विधि बताया गया. खड़ी फैसला में तरल खाद,- जीवामृत, मटका खाद, वेस्ट डिकम्पोजर का घोल (राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र द्वारा विकसित ) बनना एवं प्रयोग करना बताया गया.
कीटनियन्त्रण हेतु फेरोमेन ट्रैप का प्रयोग कब कैसे करें. वानस्पतिक कीटनाशी - दसपर्णीसत, पांच पत्तीकाढ़ा एवं लहसुन - मिर्च रूप बनाना एवं प्रयोग करना बताया गया फसल तैयार होने के बाद तैयार फसल से अच्छे पौधों को छाँटकर अलग मड़ाई क्र आगामी सीजन के लिए बीज कैसे अगल करें बताया गया मुख्यत यह तुअर, चना एवं मक्का के विषय में.
जैविक फसल की कटाई, मड़ाई एवं भंडारण को विस्तृत रूप में समझाया गया. प्रशिक्षण सुमिंतर इंडिया ऑर्गॅनिक्स के वरिष्ठ प्रबंधक शोध एवं विकास संजय श्रीवास्तव ने दिया. प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने फसल सम्बन्धी समस्या को पूछा एवं निराकरण जाना.
प्रशिक्षण का स्थानीय प्रबंधन सुमिंतर इंडिया के अलिराजपुर परियोजना के अधिषाशी गृजेश शर्मा एवं नीलेश अहीर एवं फील्ड स्टाफ ने किया. अन्त में प्रशिक्षण में आये किसानों को संजय श्रीवास्तव ने सुमिंतर इंडिया के तरफ से धन्यवाद दिया तथा जैविक फसल उगाने हेतु आग्रह भी किया.