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Updated on: 12 April, 2022 5:54 PM IST
Sugar Cane Survey

गन्ने की खेती भारत के सभी राज्यों में की जाती है, क्योंकि गन्ने की फसल से किसानों को दोगुना लाभ मिलता है. गन्ने से बनाए उत्पाद जैसे गुड़, चीनी आदि की बाज़ार में मांग बहुत अधिक होती है. इसके चलते इनकी कीमत भी अधिक होती है.

अधिक कीमत होने की वजह से किसानों को लागत से दोगुना मुनाफा प्राप्त होता है. इसके अलावा गन्ने का निर्यात भी देश एवं विदेशों में भी होता है. देश की बात करें, तो सभी बड़ी – बड़ी चीनी मिल में गन्ने का निर्यात बहुत अधिक होता है, इसलिए गन्ने विभाग द्वारा चीनी मिलों में गन्ने की फसल के क्षेत्र का निर्धारण एवं किसानों के तहत चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति करवाने के लिए पूरी योजना तैयार की जाती है, जिसमें गन्ना उत्पादन का सही सर्वेक्षण किया जाता है. इसी कड़ी में यूपी के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2022-23 वास्ते गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी है.

गन्ना पेराई सर्वेक्षण कार्य कब से शुरू होगा (When will the sugarcane crushing survey work start)

यूपी के आयुक्त,गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा मिली जानकारी की अनुसार, गन्ना सर्वेक्षण का कार्य 20 अप्रैल, 2022 से शुरू होगा, जो कि 20 जून, 2022 तक रहेगा. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण कार्यक्रम मीट्रिक प्रणाली के आधार पर होगा. जिसमें शुद्धता, पारदर्शिता और गन्ना किसानों की सभी तरह की समस्याओं का निवारण के लिए डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जायेगा.

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गन्ना सर्वेक्षण कार्य जीपीएस माध्यम से किया जायेगा. इससे समय की बचत होती है साथ ही बिचौलिया की भी जरुरत नहीं होगी.. सर्वेंक्षण के दौरान गन्ना किसानों को  हैण्ड हेल्ड कम्प्यूटर/एन्ड्रायड बेस्ड मशीन से सर्वे स्लिप उपलब्ध करायी जायेगी. 

इसके अलावा सर्वेक्षण के दौरान गन्ने की किस्म, गन्ना फसल की दशा, पौधशाला, मानसून गन्ना बुवाई, शरदकालीन गन्ना बुवाई, ग्रीष्मकालीन गन्ना बुवाई वाले खेतों एवं ड्रिप इरीगेशन, सहफसली खेती आदि का पूरा विवरण दर्ज किया जायेगा. वहीँ गन्ना सर्वेक्षण का कार्य किस तरह चल रहा है, इस पर भी अधिकारियों द्वारा निगरानी रखी जाएगी.

English Summary: Sugarcane survey policy released for the assessment of sugarcane area
Published on: 12 April 2022, 06:00 PM IST

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