किसानों की परेशानी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. यानि बढ़ती महंगाई जहाँ किसानों का गला घोट रही है. किसानों को राहत तभी मिलती है, जब फसल कट कर मंडी तक बिकने के लिए पहुँच जाती है.
ऐसे में अगर गन्ने की फसल के बारे में बात करें, तो किसानों द्वारा काटी घई गन्ने की फसल बिकने को तैयार है, लेकिन तकनीकी खराबी और मंडी में देखी जा रही सुस्ती की वजह से किसानों को एक बार फिर आर्थिक समस्या का सामना करना पर सकता है. आपको बता दें कि किसान सहकारी चीनी मिल की तकनीकी खराबियों की वजह से परेशान होते नजर आ रहे हैं.
चीनी मिल में तकनीकी खराबी की वजह से आए दिन गन्ना पेराई ठप हो रही है. वहीँ सड़कों पर पिछले चार दिन से किसान ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गन्ना भरकर अपनी बारी का इंतज़ार करते नज़र आ रहे हैं. इस वजह से गन्ना किसान और ट्रांसपोर्टरों का आक्रोश मिल प्रबंधन के खिलाफ उभर कर सामने आ रहा है. ऐसे में किसानों ने अधिकारी व केंद्र प्रभारी पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि चीनी मिल बंद होने से वह किसानों का फोने तक नहीं उठा रहे हैं. भीषण गर्मी में किसान भूखे प्यासे रात दिन कतार में लगने को मजबूर हैं.
वहीँ दूसरी खबर यह है कि गदरपुर, किच्छा, सितारगंज क्षेत्र के किसान पिछले चार दिनों से गन्ना तुलवाने के इंतज़ार में सड़कों पर खड़े हैं. किच्छा चीनी मिल में हो रही यह तकनीकी खराबी पिछले एक हफ्ते से चल रही है, जिसको लेकर अब तक कोई समाधान खोजा नहीं गया है.
सितारगंज चीनी मिल सत्र में अभी भी क्षमता से कम पर गन्ने की पेराई हो रही है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. अभी भी चीनी मिल में प्रतिदिन करीब 17 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हो रही है, जबकि क्षमता 25 हजार क्विंटल पेराई की है. इन सबके अलावा किसानों को गन्ने की पेराई में एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है. पिछले तीन दिनों में महज 5 से 6 बार चीनी मिल के प्लांट में खराबी देखी गई है.
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बार-बार हो रहे बाजपुर चीनी मिल की समस्या से परेशान गन्ना किसानों ने मिलकर यह फैसला लिया है कि वह इन समस्याओं को गन्ना मंत्री के समक्ष रखेंगे. चीनी मिल संघर्ष समिति की बैठक में बाजपुर चीनी मिल में स्थायी महाप्रबंधक की नियुक्ति करने, मिल का मरम्मत कार्य समय पर पूर्ण करने सहित विभिन्न बिंदुओं पर भी चर्चा की गई. इस दौरान चीनी मिल की समस्याओं के लिए सूबे के गन्ना मंत्री से वार्ता करने का निर्णय लिया गया. आने वाले समय में गन्ने की पेराई को लेकर किसी प्रकार की कोई देरी ना हो, पहले से ही मिल की मरम्मत कार्य समय से शुरू किया जाए, जिससे मिल सुचारु रूप से चल सके.
किसानों ने चीनी मिल की अन्य समस्याओं पर भी बैठक में आवाज उठाई है. बैठक की सुनवाई ज्येष्ठ उप प्रमुख जोरावर सिंह भुल्लर ने की. सुनवाई के दौरान पूर्व प्रधान शकील अहमद, विजेंद्र डोगरा, बलदेव नामधारी, प्रताप सिंह संधू, सरताज औलख, अशोक गोयल, राजू शर्मा, उपकार सिंह, तेजेश्वर सिंह आदि भी मौजूद थे.