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Updated on: 17 May, 2025 4:17 PM IST
गन्ने की खेती में 44% बढ़ोतरी, किसानों की आमदनी और रोजगार दोनों में इज़ाफा (सांकेतिक तस्वीर)

UP News: उत्तर प्रदेश के ज्यादातर किसान सबसे अधिक गन्ने की खेती करते हैं, लेकिन फिर भी प्रदेश के किसान गन्ने की फसल से अच्छी मोटी कमाई नहीं कर पाते हैं, जिसका एक कारण गन्ना मिलों को माना जाता है. इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने हाल ही में गन्ने की उत्पादकता, खेती का विस्तार, चीनी की गुणवत्ता और मिलों की कार्यक्षमता में सुधार करने को लेकर बढ़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों और समय पर भुगतान की व्यवस्था के चलते किसानों का रुझान गन्ने की खेती की ओर बढ़ा है. साल 2016-17 में गन्ना 20.54 लाख हेक्टेयर भूमि पर उगाया जा रहा था, जो अब बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है. यह करीब 44% की वृद्धि है.

केवल रकबे में ही नहीं, बल्कि प्रति हेक्टेयर उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है. पहले जहां उत्पादन 72.38 टन प्रति हेक्टेयर था, अब यह बढ़कर 84.10 टन हो गया है.

एथेनॉल उत्पादन से बढ़ी ऊर्जा सुरक्षा

अब गन्ना केवल चीनी तक सीमित नहीं है. एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के माध्यम से यह प्रदेश और देश की ऊर्जा सुरक्षा में भी योगदान दे रहा है. राज्य की 102 डिस्टिलरियों ने वर्ष 2023-24 में 150 करोड़ लीटर से अधिक एथेनॉल का उत्पादन किया है. सरकार अब 6,771 करोड़ रुपये के निवेश से इसकी क्षमता को 105 करोड़ लीटर और बढ़ाने जा रही है. इससे किसानों को फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आमदनी में भी इज़ाफा होगा.

10 लाख लोगों को मिला रोजगार

गन्ना आधारित उद्योगों ने रोजगार के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान दिया है. वर्तमान में राज्य के 45 जिलों में 122 चीनी मिलें, 236 खांडसारी इकाइयां, 8,707 कोल्हू, 65 को-जेनरेशन प्लांट और 44 डिस्टिलरी यूनिट्स संचालित हो रही हैं. इनसे करीब 9.81 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आने वाले वर्षों में सिर्फ उत्पादन ही नहीं, बल्कि किसानों की आमदनी भी दोगुनी होनी चाहिए.

लेखक : रवीना सिंह

English Summary: sugarcane cultivation increase44 Percentage UP farmers income and employment CM Yogi Gave Instructions Make New Action plan
Published on: 17 May 2025, 04:22 PM IST

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