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Updated on: 4 November, 2019 4:16 PM IST

चीनी उद्योग के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा है कि देश में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य, उत्तर प्रदेश में गन्ने की पेराई अगले सप्ताह शुरू होने की संभावना है. हालांकि, इस वर्ष हुए बारिश और गन्ने की कमी की वजह से महाराष्ट्र और कर्नाटक में नए मार्केटिंग वर्ष 2019-20 में चीनी उत्पादन का काम करीब एक महीने की देरी से शुरू हो पाएगा. इसकी सबसे बड़ी वजह चीनी मिलें अभी तक अपना परिचालन शुरू नहीं कर पाई हैं. संघ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में दिवाली का पर्व मनाने के बाद मजदूर काम के लिए आसानी से उपलब्ध होंगे.

तो वही इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा, ''चीनी मिलों ने महाराष्ट्र में गन्ना पेराई का काम शुरू नहीं किया है क्योंकि राज्य सरकार ने अभी तक परिचालन शुरु करने की तारीख तय नहीं की है. इसके अलावा प्रदेश में गन्ने की कम उपलब्धता के कारण भी चीनी मिलों की ओर से देर हो रही है.'' देश में चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ने का उत्पादन कम रहने की आशंका है. इसकी वजह खेती के रकबे में गिरावट है जो इस साल 7.7 लाख हेक्टेयर ही रह गया है. यह रकबा फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) में 11.5 लाख हेक्टेयर था.

वर्मा ने कहा कि सोलापुर और मराठवाड़ा जैसे क्षेत्रों में और भी विलंब होगा क्योंकि बारिश की वजह से गन्ना उत्पादन और कम रह सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन सांगली, कोल्हापुर और पुणे जैसे दक्षिणी महाराष्ट्र में गन्ने की फसल अच्छी स्थिति में है और नई राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों के परिचालन की तारीख तय होते ही पेराई का काम शुरू हो जाएगा. वर्मा ने कहा कि हालांकि, उत्तर प्रदेश में पेराई में देरी नहीं हुई है क्योंकि सामान्य तौर पर दीवाली त्योहार के बाद चीनी मिलें काम करना शुरू करती हैं. राज्य में गन्ना खेती का रकबा वर्ष 2019-20 में दो प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 23.60 लाख हेक्टेयर रह गया है, जबकि पिछले वर्ष यह रकबा 24.11 लाख हेक्टेयर था.

English Summary: Sugarcane crushing will start in UP next week, one month delay in Maharashtra, Karnataka: Indian Sugar Mills Association
Published on: 04 November 2019, 04:19 PM IST

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