केंद्र की मोदी सरकार ने अभी हाल में डाइ अमोनिया फास्फेट (डीएपी) खाद के लिए अनुदान 500 रुपये से बढ़ाकर 1200 प्रति बैग करने का फैसला किया. अब सरकार के इस फैसले के बाद डीएपी (DAP) की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के बावजूद देश के सभी किसान भाइयों को 1200 रुपये ही खाद के प्रति बैग के लिए चुकाने होंगे. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में DAP में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60% से 70% तक बढ़ गई हैं.
इसी वजह से एक DAP बैग की वास्तविक कीमत अब 2400 रुपये है, जिसे खाद कंपनियों द्वारा 500 रुपये की अनुदान घटा कर 1900 रुपये में बेचा जाता है. खाद पर नए फैसले से किसानों को 1200 रुपये में ही DAP का बैग मिलता रहेगा.
किसानों को खाद पर सब्सिडी आखिर कैसे मिलेगी?
दरअसल खाद की बोरी लेने के लिए किसान को पूरे 1200 रुपये ही देने होंगे. साथ ही अपना आधार कार्ड या किसान कार्ड भी देना होगा और बायोमेट्र्रिक (अंगूठे का निशान) से आपकी पहचान के बाद कंपनी के बैंक खाते में सरकार सब्सिडी का 1211 रुपये डीबीटी के माध्यम से जारी करेगी. यानी, किसान को डीएपी की एक बोरी 2411 रुपये के बजाय पहले की तरह 1200 रुपये में ही मिलेगी.
कृषि मंत्री के मुताबिक, केंद्र सरकार हर साल रासायनिक खादों की सब्सिडी पर करीब 80,000 करोड़ रुपये खर्च करती है. DAP में सब्सिडी बढ़ाने के साथ ही खरीफ सीजन में भारत सरकार 14,775 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी.