सबसे बड़े कृषि मेलों में से एक 'सुबर्ण कृषि मेला 2022' (Subarna Krishi Mela 2022) ओडिशा में आयोजित किया गया है. इस मेले को कृषि जागरण ने एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AJAI) के सहयोग से आयोजित किया है. आज से शुरू हुए इस दो दिवसीय मेले में बड़ी संख्या में किसानों और कृषि विशेषज्ञों की भीड़ नजर आई. इसमें महिला किसानों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इस मेले में शामिल हुईं.
अपनी तरह का अनूठा, यह मेला 23-24 दिसंबर, 2022 को बगदा हाई स्कूल ग्राउंड, सुलियापाड़ा, मयूरभंज, ओडिशा में आयोजित किया जा रहा है
सबसे बड़े दो दिवसीय किसान मेले की शुरुआत
इस मेले के पहले दिन यानी आज 23 दिसंबर को मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के मोरोदा विधानसभा क्षेत्र के विधायक राज किशोर दास मौजूद रहें. विधायक राज किशोर दास ने रिबन काटकर मेले का शुभारंभ किया. इस दौरान कृषि जागरण व एग्रीकल्चर वर्ल्ड प्रकाशन के संस्थापक और प्रधान संपादक एम. सी. डोमिनिक के साथ कृषि जागरण की टीम मौजूद रही.
'सुबर्ण कृषि मेला 2022' का उद्देश्य
'सुबर्ण कृषि मेला 2022' का उद्देश्य ओडिशा राज्य के किसान समुदायों को उन्नत करने के साथ ही उन्हें नवीन कृषि तकनीकी और यांत्रिक क्षेत्रों से अवगत कराना है.
'सुबर्ण कृषि मेला 2022' का उद्देश्य ओडिशा के अनछुए क्षेत्रों और कृषि उद्योग के विभिन्न प्रमुख खिलाड़ियों के बीच की खाई को खत्म करना है. यह मेला, राज्य में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को समृद्ध बनाने में मदद करने में एक प्रमुख भूमिका निभायेगा. ये मेला किसानों को कृषि उद्यमियों, वैज्ञानिकों, सरकारी निकायों, संघों और अन्य कृषि से संबंधित संगठनों के साथ जुड़ने के लिए एक आदर्श नेटवर्किंग मंच प्रदान कर रहा है.
इस मेले को लेकर कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एम. सी. डोमिनिक का कहना हैं कि “हमें आज तक ओडिशा में किए गए हमारे सभी कार्यक्रमों में जबरदस्त प्रतिक्रियाएं मिली हैं. मुझे लगता है कि यहां कृषि से जुड़े उद्योगों और कॉर्पोरेट्स के लिए काफी गुंजाइश है. मुझे लगता है कि किसान नए विकल्प लेने में समान रूप से रुचि रखते हैं, चाहे वह तकनीकी हो या यांत्रिक.
'एक्सप्लोर द अनएक्सप्लोर्ड' विषय के अनुरूप कार्य करते हुए, कृषि जागरण उन लोगों के लिए एक मंच प्रदान करता है जो ओडिशा के अप्रयुक्त संभावित क्षेत्रों में प्रवेश करना चाहते हैं और कृषि विकास को सर्वोत्तम रूप से बढ़ावा देना चाहते हैं. कहने की आवश्यकता नहीं है कि प्राथमिक लक्ष्य कृषक समुदाय के बीच आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जागरूकता फैलाना और राज्य में पारंपरिक संस्कृति-विरासत और कृषि-पर्यटन को बढ़ावा देना है.
ओडिशा एक ऐसा राज्य है जो नवीन विकास के दौर से गुजर रहा है और तकनीकी रूप से सुसज्जित निकायों के साथ इंटरफेस करने के लिए सहायता की आवश्यकता है. कृषि जागरण ने पशुपालकों, सीमित संगठनों और स्थानीय निकायों को कॉर्पोरेट निकायों और सरकारी अधिकारियों के साथ जुड़ने और बेहतरीन परिणाम प्राप्त करते हुए सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक मंच देने का बीड़ा उठाया है.
कृषि जागरण के बारे में
पिछले तीन दशकों में कृषि पत्रकारिता में अपनी विशिष्टता के लिए विख्यात, कृषि जागरण ने प्रिंट और डिजिटल से लेकर सोशल मीडिया तक विभिन्न स्वरूपों में अपनी अमिट छाप छोड़ी है, कृषि जागरण की उपलब्धियों को 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' द्वारा भी सराहा गया है. कृषि जागरण को 'कृषि उद्यमी कृषक रतन पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है. वर्तमान में हमारे पास 12 भाषाओं में पहुंच के साथ 23 संस्करण हैं. कृषि जागरण सभी राज्यों में और देश में सबसे अधिक परिचालित कृषि-ग्रामीण पत्रिका मानी जाती है.