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Updated on: 9 November, 2023 12:54 PM IST
पंजाब में बढ़े पराली जलाने के मामले. (Image Source)

Stubble Burning in Punjab: पराली जलाने समेत कई अन्य कारणों की वजह से दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा 'बद से बदतर' हो चुकी है. वहीं, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बुधवार को पंजाब में खेतों में पराली जलाने की घटनाएं 2,000 का आंकड़ा पार कर गईं, जबकि राज्य सरकार ने धान की पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस और नागरिक प्रशासन को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं. अन्य बातों के अलावा, सरकार ने कहा है कि कानून के उल्लंघन के लिए FIR दर्ज की जाएगी.

वहीं, 6 नवंबर तक, राज्य में आईपीसी की धारा 188 (एक लोक सेवक द्वारा घोषित आदेश की अवज्ञा) के तहत सिर्फ 18 एफआईआर दर्ज की गईं थीं, जबकि खेत में पराली जलाने की कुल घटनाएं 22,981 तक पहुंच गईं हैं. बुधवार को खेत में पराली जलाने की सबसे अधिक 466 घटनाएं संगरूर में जिले में दर्ज की गईं. मालूम हो कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित तीन मंत्री संगरूर जिले से हैं, जहां कोई FIR दर्ज नहीं की गई है.

पराली जलाने पर दर्ज की जाएगी FIR

ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद, मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने खेतों में पराली जलाने के डेटा प्राप्त करने के बाद जिला मजिस्ट्रेटों और सीपी/एसएसपी को संयुक्त रूप से इस मुद्दे पर रोजाना समीक्षा बैठक करने को कहा है. इस बैठक के दौरान गांववार और थाना प्रभारी (एसएचओ) वार पराली जलाने की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. यदि किसी भी थानेदार के अधिकार क्षेत्र में पराली जलाने की कोई घटना हुई पाई गई, तो उसके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया है कि गलती करने वाले किसानों को बताया जाएगा कि FIR दर्ज की जाएगी, क्योंकि पराली जलाना कानून का उल्लंघन है.

जारी किये गये हैं 12 निर्देश

कुल 12 निर्देश जारी किये गये हैं. पुलिस गश्ती दल, क्षेत्र के SHO की सीधी कमान में, चारों ओर घूमना शुरू कर देंगे और तुरंत पराली जलाने से रोकेंगे. डीसी द्वारा प्रत्येक जिले में पहले गठित क्लस्टर टीमों को पुलिस और नागरिक प्रशासन टीमों के साथ समन्वय करने के लिए कहा गया है. प्रत्येक जिले को अब सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा और एक राजपत्रित पुलिस अधिकारी प्रत्येक सेक्टर का प्रभारी होगा. जिलाधिकारी और एसएसपी को खुद नियमित फील्ड विजिट करने को कहा गया है. डीसी और एसएसपी को इन-सीटू और एक्स-सीटू पराली प्रबंधन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया है.

सबसे ज्यादा मामले संगरूर में सामने आए

गौरतलब है कि अभीतक संगरूर जिले में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 466 मामले सामने आए हैं, इसके बाद बरनाला में 216, बठिंडा में 221, मनसा में 131, फिरोजपुर में 103, फरीदकोट में 150, पटियाला में 106, मुक्तसर में 100, लुधियाना में 96, जालंधर में 90 और मोगा में 89 मामले सामने आए हैं.

English Summary: stubble burning farm fires cross 2000 in Punjab government orders FIR against farmers
Published on: 09 November 2023, 12:55 PM IST

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