Kachri Farming: कचरी की खेती कैसे करें? जानें पूरी विधि, लागत और मुनाफा Weather Update: 2 जुलाई तक इन 5 राज्यों में भारी बारिश की संभावना, IMD ने जारी की चेतावनी किसानों की ताकत बढ़ाने एडीग्रो एक नया चेहरा! कंपनी के निदेशक अजय जावला ने लॉन्च किया एडीग्रो ब्रांड का लोगो और कृषि उत्पाद किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 16 November, 2022 2:48 PM IST
इस राज्य के युवा कर रहे हैं स्ट्रॉबेरी की खेती, सैकड़ों एकड़ तक लहलहा रहे खेत

स्ट्रॉबेरी भारत के ठंडे जलवायु वाले क्षेत्रों में उगाई जाती है. स्ट्रॉबेरी की खेती मुख्यत: कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी हिस्सों में की जाती है. देखा जाए तो बीते कुछ सालों से स्ट्रॉबेरी कश्मीर घाटी की मुख्य नकदी फसल के तौर पर सामने आ रही है. कश्मीर घाटी में कभी केवल सब्जियों की फसल करने वाले किसान भी अब स्ट्रॉबेरी की फसल से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. खास बात यह है कि अब युवा खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. यहां पर युवाओं को कृषि व्यवसाय से जोड़ने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है.

जम्मू-कश्मीर में स्ट्रॉबेरी की खेती

सेब, स्ट्रॉबेरी आदि के लिए ठंडे जलवायु जैसे जम्मू – कश्मीर की मिट्टी बेहद अनुकूल मानी जाती है. यहां पर उत्पादन भी अच्छा होता है. इसी को देखते हुए युवा भी स्ट्रॉबेरी की खेती से जुड़ रहे हैं. इसी कड़ी में युवाओं को और बढ़ावा देने के लिए सरकार भी योजनाएं लेकर आ रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो श्रीनगर के पास स्थित गासु बटपोरा गांव में किसानों ने स्ट्रॉबेरी का बंपर उत्पादन किया है. कश्मीर घाटी जहां अपने सेबों के लिए जानी जाती है तो वहीं अब गासु बटपोरा गांव को भी स्ट्रॉबेरी विलेज के नाम से जाना जा रहा है. यह पूरे कश्मीर घाटी का पहला एकलौता ऐसा गांव हैं जहां पर स्ट्रॉबेरी उगाई जा रही है. यहां से देखने पर सैंकड़ों एकड़ जमीन पर केवल स्ट्रॉबेरी की लहलहाती फसल नजर आती है.

स्ट्रॉबेरी से मिली सफलता

इसमें कोई दो राय नहीं है कि कृषि क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में एक अहम योगदान दे रहा है. इसी को देखते हुए कई लोग अपनी लाखों की नौकरी छोड़ कृषि को अपना रहे हैं. ऐसे ही धीरज कुमार ने कृषि उद्यम को अपनाकर स्ट्रॉबेरी की खेती कर अपनी नई पहचान बनाई है. बता दें कि प्रगतिशील किसान धीरज कुमार हीरानगर के हरिपुर गांव के रहने वाले हैं, जो कि 22 कनाल में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. बता दें कि धीरज कुमार को कृषि विभाग का पूरा सहयोग मिल रहा है. सहयोग के माध्यम से उन्होंने स्ट्रॉबेरी की तीन किस्में लगाई हैं. जिससे वह अपनी उन्नति तो कर ही रहे हैं, साथ में अपने क्षेत्र के युवाओं व किसानों को रोजगार भी दे रहे हैं. धीरज कुमार अपनी उपज मंडियों में बेचने के साथ-साथ, बड़े-बड़े मॉल्स और बिजनेस हाउस में ही स्ट्रॉबेरी की आपूर्ति कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Natural Farming: प्राकृतिक खेती के लिए किसानों को मिलेंगे 5 हजार रुपए, साथ में मिलेगा प्रशिक्षण

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सब्सिडी

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की तरफ से किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी भी दी जा रही है. यदि स्ट्रॉबेरी की खेती करने पर 6 लाख रुपए की लागत आती है, तो किसान को कृषि विभाग की तरफ से 2 लाख 86 हजार रुपये सब्सिडी दी जा रही है. इसके अलावा किसानों को पावर टिलर व ड्रिप सिंचाई के लिए भी आर्थिक सहायता दी जा रही है.

English Summary: Strawberry Farming: The youth of the state are doing strawberry farming, hundreds of acres of fields are flowing
Published on: 16 November 2022, 02:54 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now