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Updated on: 13 February, 2019 5:54 PM IST

केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तर्ज पर अभी हाल में ओड़ीसा सरकार की ओर से राज्य के सीमांत और भूमिहीन किसानों के लिए कालिया (कृषक असिस्टेंट फॉर लाइवलीहुड ऐंड इनकम ऑग्मेन्टेशन) नामक योजना चलाई गई थी. अब ये योजना विवादों में घिरता नजर आ रहा हैं. दरसदल कालिया योजना के खिलाफ ओड़ीसा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमे यह दावा किया गया है कि राज्य के आकस्मिक निधि कोष से धन निकाल कर कालिया परियोजना का पोषण किया जा रहा है.

क्या है कालिया योजना

कालिया योजना के अंतर्गत 10,180 करोड़ रु. का प्रावधान रखा गया हैं. इस योजना का लक्ष्य 32 लाख कृषकों और 2.4 लाख कृषि श्रमिकों को 3 साल तक के लिए कवर करना है. और दो फसलें उगाने वाले प्रत्येक किसान परिवार को 10,000 रु. की सहायता मिलेगी. केवल इतना ही नहीं, बल्कि 10 लाख घरों में से प्रत्येक को 12,500 रु. की भी आजीविका सहायता मिलेगी.

क्या है मामला

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की नेतृत्व वाली सरकार की ओर से साल 2018-19 के बजट में कृषि के लिए 4000 करोड़ रूपये का बजट सरकार द्वारा प्रस्तावित किया गया था. सरकार पहले ही 92,000 करोड़ रु के कर्ज में डूबी पड़ी है और कालिया योजना से सरकार पर और बोझ पड़ेगा, ऐसे में इस योजना के लिए 15 जनवरी को अधिसूचना जारी करके ओडिशा सरकार ने आकस्मिक निधि से 735 करोड़ रु.की निकासी को स्वीकृत दे दी है.

गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि कालिया की आड़ में बहुत से फर्जी लाभार्थियों की जेबें भरने की चाल चली गई है. आचार्य कहते हैं, ''कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया. पंचायतों की ओर से सूची तैयार की जा रही है और हमें संदेह है कि पैसा योग्य लाभार्थी किसानों के बजाए सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं के खाते में भेजा जाएगा. पहले से ही बीजू जनता दल के कुछ बड़े नेताओं का नाम इस सूची में पाया गया है और ऐसे बहुत से नाम और शामिल हो सकते हैं.''

तो वही इस योजना को लेकर आलोचकों का कहना है कि इस योजना की शुरूआत किसानों के संकट दूर करने के लिए नहीं किया गया बल्कि इसे वोटों की वोटों की राजनीति करने के लिए किया जा रहा है. क्योकी सबको पता है इस चुनाव में किसानों का मुद्दा तूल पकड़ने वाला है. यही कारण है की पटनायक सरकार ने इसे जल्दबाजी में लागू कर दिया। ऐसी ही कुछ योजनाए पड़ोसी राज्य तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में किसानों के लिए भी की गई है.

प्रमुख सचिव (कृषि) संजय गर्ग ने कहा है कि लाभार्थी सूची प्रशासन के पास उपलब्ध पंजीकृत किसानों के आंकड़ों पर आधारित है. सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कठोर सत्यापन प्रक्रिया का पालन किया है कि लाभार्थी सरकारी कर्मचारी या पांच एकड़ से अधिक भूमि वाला आयकरदाता नहीं हो.

English Summary: Stoppage of scheme for farmers kaliya yojana
Published on: 13 February 2019, 05:59 PM IST

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