भारत सरकार ने राज्यों को 1 अगस्त से ई-नीलामी में भाग लिए बिना खुले बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से सीधे चावल खरीदने की अनुमति दे दी है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने घोषणा की है कि वह अतिरिक्त 16 वस्तुओं की कीमत की निगरानी शुरू करेगा. दरअसल, केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरूवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि अनाज की कमी वाले राज्य 1 अगस्त, 2024 से ई-नीलामी में भाग लिए बिना खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से अनाज सीधे खरीद कर सकते हैं.
केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि अगर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश प्रति व्यक्ति निर्धारित 5 किलो मुफ्त अनाज से अधिक खरीदना चाहते हैं, तो वे इसे पहले के 2,900 रुपये के बजाय 2,800 रुपये की कीमत पर खरीद सकते हैं. नए खरीद सत्र के शुरू होने से पहले स्टॉक के विशाल अधिशेष को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत’ ब्रांड के तहत आटा और चावल की बिक्री जो 30 जून, 2024 तक चलने वाली थी, जारी रहेगी.
ऐप लॉन्च हुआ
केन्द्रीय मंत्री जोशी ने गुरुवार को मूल्य निगरानी प्रणाली (पीएमएस) मोबाइल ऐप संस्करण 4.0 लॉन्च करते हुए कहा कि पहले से ही 22 वस्तुओं की दैनिक कीमतों की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब कुल 38 वस्तुओं की कीमतों की निगरानी की जाएगी. नई जोड़ी गई 16 वस्तुओं में बाजरा, ज्वार, रागी, सूजी (गेहूं), मैदा (गेहूं), बेसन, घी, मक्खन, बैंगन, अंडा, काली मिर्च, धनिया, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी पाउडर और केला शामिल हैं. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 550 केंद्रों से दैनिक कीमतों की निगरानी करता है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2024 से पांच साल की अवधि के लिए पीएमजीकेएवाई के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (यानि अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) लाभार्थियों) को निःशुल्क खाद्यान्न प्रदान करने को जारी रखने का फैसला किया है, जिसका अनुमानित वित्तीय परिव्यय 11.80 लाख करोड़ रुपये है, जिसे पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. जोशी ने कहा, "यह अब तक का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है." 2023-2024 में वितरित खाद्यान्न की मात्रा 497 एलएमटी है और जून 2024 तक केंद्र सरकार ने 125 एलएमटी खाद्यान्न वितरित किया है.
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अब तक इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़कर 1589 करोड़ लीटर प्रति वर्ष हो गई है, जो देश की घरेलू इथेनॉल आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. उन्होंने कहा कि लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये के भुगतान के साथ, चालू चीनी सीजन के लिए 94.8% से अधिक गन्ना बकाया का भुगतान किया जा चुका है, जिससे गन्ना बकाया न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है.
वन नेशन वन राशन कार्ड के बारे में उन्होंने कहा कि अब तक देशभर में 145 करोड़ रुपये के पोर्टेबिलिटी ट्रांजेक्शन किए गए हैं. एनएफएसए लाभार्थियों को कुल 293 लाख टन खाद्यान्न इंटर-स्टेट या इंट्रा-स्टेट वितरित किया गया है.