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Updated on: 14 May, 2020 2:03 PM IST

लॉकडाउन में गरीब परिवार की महिलाओं को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े इसलिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने 2 लाख 26 हजार महिलाओं के खातों में 44 करोड़ 60 लाख से अधिक की राशि उनके बैंक खातों में जमा कराई है. दरअसल, सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजातियों सहरिया, बैगा तथा भारिया की महिलाओं की खातों में राशि अंतरित की है. राज्य के कई जिलों में इस जानजातियों की महिलाओं के आहार अनुदान योजना चलायी जा रही है. इसके अंतर्गत उन्हें हर महीने राशि दी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से यह राशि नहीं दी गई थी. ऐसे में उनके खातों में अप्रैल एवं मई माह की राशि जमा की जा रही है. सरकार का कहना है कि अब उन्हें नियमित रूप से राशि मिलेगी. ताकि वह पौष्टिक भोजन कर सके और उनका स्वास्थ्य ठीक रहे. प्रदेश सरकार का कहना है कि कोरोना संकट के बीच उन्हें इन महिलाओं की चिंता है. इसके साथ ही सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण, वनोपज संग्रहण करवाया जा रहा है, जिससे आदिवासी भाई-बहनों की आमदनी हो सके. इसके साथ ही सरकार ने महुआ, करंज बीज, अचार चिरोंजी, साल बीज आदि सबके अच्छे दाम सरकार ने तय किए हैं और तेंदूपत्ता का बोनस भी दिया जाएगा.

सरकार ने आदिवासी महिलाओं को यह भी विश्वास दिया है कि सहरिया, बैगा और भारिया जनजातियों को अलग से नौकरी देने की व्यवस्था की है. बच्चों को स्कॉलरशिप दिए जाने के साथ ही उच्च शिक्षा के लिए फीस की व्यवस्था भी की गई है. इस बीच सरकार ने आदिवासियों से अपील की है कि वह कोरोना संकट के समय सावधानी रखें, दो गज की दूरी बनाकर रखें. 

यहां गेहूं खरीदी के कार्य में लगी हैं महिलाएं...

कोरोना संक्रमण के बीच भी प्रदेश की महिलाएं जमकर मेहनत कर रही हैं. दरअसल, राज्य की महिला स्व-सहायता समूहों को यह काम सौंपा गया है. इन महिला समूहों द्वारा 2200 किसानों से एक लाख क्विंटल से अधिक गेहूं की खरीदी की गई है. गेहूं उपार्जन में स्व-सहायता समूह की भागीदारी दर्ज कराने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है.

English Summary: state government deposit 2000-2000 rupees in the account of women
Published on: 14 May 2020, 02:06 PM IST

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