देश में बढ़ रहे बर्ड फ्लू के खतरे ने मुर्गीपालकों की परेशानी बढ़ा दी है. पहले से ही लॉकडाउन के कारण घाटे में चल रहे पोल्ट्री फार्मों को अब नुकसान की आशंका सताने लगी है. यही कारण है कि इस समय सभी पोल्ट्री फार्म्स की सुरक्षा बढ़ाई जाने लगी है. कुछ इसी तरह का नजारा झाबुआ के विश्व प्रसिद्ध कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म में देखने को मिल रहा है, जहां सभी मुर्गों को आइसोलेशन मे रखा जा रहा है.
आइसोलेशन में डाले गए कड़कनाथ
गौरतलब है कि बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए कड़कनाथ मुर्गों को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए विटामिन्स और हल्दी के बूस्टर डोज दिए जा रहे हैं. कृषि अनुसंधान कड़कनाथ सेंटर के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल कड़कनाथ मुर्गियों को आइसोलेशन में शिफ्ट कर दिया गया है, सरकारी एडवायजरी के तहत किसी को भी उन तक जाने की अनुमती नहीं है. सरकारी एडवायजरी के तहत कड़कनाथ मुर्गियों को विटामिन्स सी, डी और ई के लिक्विड भी दिए जा रहे हैं. बर्ड फ्लू जैसे खतरों से निपटने के लिए समय-समय पर उनकी जांच की जा रही है.
इसलिए रखी जा रही है सावधानी
यहां के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना काल में बर्ड फ्लू के फैलने की संभावना अधिक है. पक्षियों से होने वाली ये बीमारी इंसानों को सीधे श्वास द्वारा हो जाती है. इसके प्रभाव में आते ही मरीजों को निमोनिया, खांसी-बुखार, गले में खराश, पेट दर्द, उल्टी-दस्त आदि होने लगते हैं.
भारत में बर्ड फ्लू की तबाही
गौरतलब है कि अभी तक देश के 6 से अधिक राज्यों में बर्ड फ्लू की अधिकारिक तौर पर पुष्टि हो चुकी है. इन राज्यों में हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल और गुजरात का नाम शामिल है. विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले कुछ सप्ताह इस बीमारी के लिए निर्णनायक होंगे. डॉक्टरों ने सभी राज्यों को अलर्ट करते हुए उन्हें सावधानी बरतने को कहा है. पशुपालकों को हिदायत दी गई है कि इस समय पशुओं की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए.