केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गांधीनगर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनकर संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि सबसे बड़ा डेयरी निर्यातक बनने का लक्ष्य भी रखना चाहिए. इसके साथ उन्होंने सहकारी मॉडल को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया.
केंद्रीय मंत्री ने गांधीनगर में भारतीय डेयरी संघ (इंडियन डेयरी एसोसिएशन-IDA) के 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन (49th Dairy Industry Conference) के तीसरे और अंतिम दिन आयोजित भारतीय डेयरी शिखर सम्मेलन में उपरोक्त उद्गार व्यक्त किए. सम्मेलन का विषय "दुनिया के लिए भारत डेयरी: अवसर और चुनौतियां" था.
देश के पहले सहकारिता मंत्री ने कहा कि, हमारी दूध प्रसंस्करण क्षमता प्रतिदिन अंदाजित 126 मिलियन लीटर है, जो दुनिया में सबसे अधिक है. वर्ष 1970 से 2022 तक भारत की जनसंख्या चार गुना बढ़ गई है, लेकिन दूध का उत्पादन दस गुना बढ़ा है. हमें दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक बनकर संतुष्ट नहीं होना चाहिए. हमें दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी निर्यातक बनने का भी प्रयास करना चाहिए. एक दूसरी श्वेत क्रांति की जरूरत है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी सरकार किसी भी अवसर को व्यर्थ जाने नहीं देगी.
उन्होंने आगे कहा कि, पिछले एक दशक में भारतीय डेयरी क्षेत्र में प्रति वर्ष 6.6% की वृद्धि हुई है. केंद्र सरकार गांवों में 2 लाख डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना कर रही है और ऐसा होने के बाद डेयरी क्षेत्र की वृद्धि 13.80% तक पहुंच जाएगी. वैश्विक दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 33% होगी. हमारा डेयरी निर्यात मौजूदा स्तर से कम से कम पांच गुना अधिक होगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, डेयरी दुनिया के लिए एक व्यवसाय है, लेकिन भारत में, जहां 9 करोड़ परिवार डेयरी से सीधे जुड़े हुए हैं, यह आजीविका का एक स्रोत भी है. यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, पोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान करने और महिला सशक्तिकरण में भी बड़ा योगदान देता है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि, “छोटे डेयरी किसान भारतीय डेयरी क्षेत्र की असली ताकत हैं. गुजरात समग्र विकास का एक मॉडल रहा है और देश के दूध उत्पादन में 20% हिस्सेदारी के साथ डेयरी उद्योग में भी अग्रणी है. डेयरी किसानों को वैल्यू एडीशन (मूल्यवर्धन) पर ध्यान देना चाहिए और निरंतर विकास के लिए दूध और दूध उत्पादों की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए.”
27 साल के अंतराल के बाद गुजरात में आयोजित हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन में बड़ी संख्या में भारत और विदेशों के डेयरी विशेषज्ञ और व्यवसायी, डेयरी सहकारी समितियां, दूध उत्पादक, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, नीति निर्माता और योजनाकार, शिक्षाविद और अन्य हितधारक एक साथ एक ही प्लेटफार्म पर एकत्रित हुए थे.
इस अवसर पर डॉ कुरियन अवॉर्ड, IDA पैट्रन अवॉर्ड और IDA फैलोशिप अवार्ड सहित प्रतिष्ठित पुरस्कार भी प्रदान किए गए. इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.एस. सोढ़ी ने स्वागत भाषण में कहा कि, दूध में आत्मनिर्भर बनने के दृढ़ प्रयासों, किसानों द्वारा प्रबंधित मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और बुनियादी ढांचे में निवेश के कारण भारतीय डेयरी उद्योग ने अभूतपूर्व वृद्धि हासिल की है. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करना चाहिए कि हमारे उत्पादों को विदेशी बाजारों में भी स्वीकार किया जाए. हम अपने उत्पादन का 20% निर्यात कर रहे हैं.
इस अवसर पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि, भारत को इस क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहिए और अपने सहकारी मॉडल को पड़ोसी देशों तक ले जाना चाहिए. श्रीलंका को आत्मनिर्भर बनाने में मदद के लिए हमने पहले ही उसके साथ बातचीत शुरू कर दी है. हम नेपाल और केन्या के साथ भी विचार विनिमय कर रहे हैं ताकि हमारी लर्निंग को अमल में लाकर उनके डेयरी किसानों की मदद की जा सके.
इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन(IDF) के अध्यक्ष पियरक्रिस्टियानो ब्राजाले ने कहा कि, इस क्षेत्र के वैश्विक अग्रणियों को डेयरी क्षेत्र में भारत की सफलता पर ध्यान देना चाहिए और उचित नीतियों के साथ अपने डेयरी किसानों का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि IDF, भारतीय डेयरी उद्योग को विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए मदद करने का इच्छुक है.
पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव राजेश कुमार सिंह ने पशुधन के स्वास्थ्य में सुधार और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की पहल के बारे में जानकारी दी. इंडियन डेयरी समिट में राज्य के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, IDF की महानिदेशक कैरोलिन एमॉन्ड और विभिन्न डेयरी सहकारी समितियों के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे थे. अमूल डेयरी के MD अमित व्यास ने इंडियन डेयरी समिट में धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया.
डेयरी उद्योग सम्मेलन ने भारत को डेयरी क्षेत्र में नवीनता, नई खोज एवं पद्धति और समाधानों का केंद्र बनाने के उद्देश्य से वैश्विक डेयरी ट्रेन्ड्स, कृषि नवाचारों, क्षेत्र के भीतर स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, पोषण और स्वास्थ्य पर चर्चा करने के लिए उद्योग के व्यवसायियों को एक बेहतर मंच प्रदान किया. इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी के दौरान दूध उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और पैकेजिंग समाधानों की नई आधुनिक तकनीकों को भी प्रदर्शित किया गया था.
रिपोर्ट :- मिहिरकुमार शिकारी, गुजरात