टिकाऊ कृषि के माध्यम से जायडेक्स कर रहा एक हरित भविष्य का निर्माण बाढ़ से फसल नुकसान पर किसानों को मिलेगा ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा, 5 सितंबर 2025 तक करें आवेदन बिना गारंटी के शुरू करें बिजनेस, सरकार दे रही है ₹20 लाख तक का लोन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 23 September, 2020 2:09 PM IST

कृषि विज्ञानं केंद्र,  उजवा नई दिल्ली द्वारा नर्सरी वर्कर विषय पर 21 दिन (200 घंटे) अवधि का कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. यह प्रशिक्षण भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा प्रायोजित, कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया. यह प्रशिक्षण भारत के कृषि कौशल परिषद् के मार्गदर्शिका एवं पाठ्यक्रम के अनुसार संचालित किया गया इसमें दिल्ली एवं आस पास के 20 नवयुवक एवं नव युवतियों ने भाग लिया.

इस प्रशिक्षण के अंतर्गत नर्सरी वर्कर से संबंधित पाठ्यक्रम बागवानी फसलों की उन्नत एवं स्वस्थ पौध उच्च तकनिकी द्वारा तैयार करना, प्रवर्धन विधि द्वारा नए पौधे का निर्माण, सूक्ष्म सिंचाई पद्धत का प्रयोग, नर्सरी प्रबंधन, बागवानी के उपकरण एवं यंत्र तथा नर्सरी में सुरक्षा नियमों का पालन आदि विषयों पर सिद्धन्तिक एवं प्रायोगिक तरीके से कृषि विज्ञानं केंद्र एवं संस्थानों के विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई. 

इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सरकारी व अर्धसरकारी संस्थानों में आवेदन करने पर उनको पात्रता के साथ प्रथमिकता मिलेगी साथ ही स्वयं की बागवानी नर्सरी स्थापित करने में सरकार द्वारा मदद प्राप्त कर सकते है. कौशल विकास प्रशिक्षण का मूल्यांकन भारत के कृषि कौशल परिषद् द्वारा प्रशिक्षण अवधि सम्पति के पश्चात ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है. जिसमे सफल प्रशिक्षणार्थी को प्रमाण पत्र कौशल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किआ जाते है.

प्रशिक्षण का संचालन राकेश कुमार बागवानी विशेषज्ञ ने किया. कार्यक्रम के समपन्न अवसर पर केंद्र के अध्यक्ष डॉ पी के गुप्ता ने परिषद के सभी अधिकारियों एवं प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होने के लिए सभी को धन्यवाद दिया. प्राप्त प्रमाणपत्र अभ्यर्थियों को रोजगार दिलाने में काफी सफलीभूत रहा है. प्रधानमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण का कार्यक्रम इस कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा 2017 से आयोजित किया जा रहा है जिसमे लगभग 250  प्रशिक्षणर्थियो को प्रशिक्षित किया जा चुका है. लगभग 20% प्रशिक्षणर्थियो को विभिन्न विभागों में नौकरी इस प्रमाणपत्र एवं कौशल विकास प्रशिक्षण के आधार पर मिली है, जैसे दिल्ली सरकार एवं केंद्र सरकार, होटलस, फार्म हाउस तथा 25-30% अपना नर्सरी आदि का कार्य कर माननीय प्रधान मंत्री का सपना साकार कर रहे है, जो आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न अंग है.                

English Summary: Skills development training on nursery worker subject
Published on: 23 September 2020, 02:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now