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Updated on: 8 June, 2023 3:22 PM IST
Sagar Parikrama Yatra

केंद्र सरकार लगातार मछुआरों और मत्स्य क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए नई-नई योजनाएं और अभियान चलाती रहती है. इसी कड़ी में केंद्रीय मत्स्य पालनपशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला ने सागर परिक्रमा के सातवें चरण का आज गुरुवार को शुभारंभ किया है. परशोत्तम रूपाला ने सागर परिक्रमा के सातवें चरण का शुभारंभ केरल और लक्षद्वीप में किया है.

सागर परिक्रमा मछुआरों के लिए एक पहल

पीआईबी हिंदी के अनुसारसागर परिक्रमा एक ऐसा कार्यक्रम है जो सरकार के दूर तक पहुंच बनाने की रणनीति को दर्शाता है. मछली उत्पादकों से सीधा संवाद कर तटीय क्षेत्रों के मछुआरों से जुड़ी समस्याओं को जानने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी. सागर परिक्रमा मछुआरों के विकास में व्यापक रणनीतिक बदलाव लेकर आएगा. इसलिये जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के साथ-साथ मछुआरों और मत्स्य पालकों के सर्वांगीण विकास और आजीविका पर इस सागर परिक्रमा के दूरगामी प्रभाव आने वाले चरणों में देखने को मिलेंगे.

बता दें कि केंद्रीय मत्स्य पालनपशुपालन और डेयरी मंत्रीपरशोत्तम रुपाला ने मछुआरोंमत्स्य पालन किसानों और विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से मिलने के लिए पूर्व-निर्धारित समुद्री मार्ग के माध्यम से पूरे देश के तटीय क्षेत्रों का दौरा करने के लिए "सागर परिक्रमा" की शुरुआत की. इसके साथ ही इसके तहत मछुआरों व अन्य हितधारकों के लाभ के लिए देश में मात्स्यिकी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए उनके मुद्दों और सुझावों के बारे में उनसे सीधे बातचीत करने के लिए ये एक अनूठी पहल है.

सागर परिक्रमा छह चरण हो चुके हैं पूरे

"सागर परिक्रमा" के पहले चरण की यात्रा 5 मार्च 2022 को गुजरात के मांडवी से शुरू हुई थी और अब तक सागर परिक्रमा के छह चरणों मेंगुजरात के तटीय क्षेत्रोंदमण और दीवमहाराष्ट्रगोवाकर्नाटक और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में दौरा किया गया. सागर परिक्रमा का सातवां चरण केरल के तटीय क्षेत्रों और लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को शामिल करेगाजिसमें मैंगलोरकासरगोडमडक्करापल्लिक्काराचालियमकान्हांगडुकोझिकोडमाहे (पुडुचेरी)बेपोरत्रिशूरएर्नाकुलमकोच्चि और लक्षद्वीप अर्थात् कवारत्तीबंगरमंद अगत्ती आदि द्वीपों के दौरे शामिल हैं.

सागर परिक्रमा के सातवें चरण के लिए केरल का चयन क्यों किया गया

केरल में 590 किलोमीटर लंबा समृद्ध समुद्र तट उपलब्ध है और मत्स्य पालन क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ मछुआरों और अन्य हितधारकों की सामाजिक-आर्थिक भलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राज्य में लगभग 222 समुद्री मछली पकड़ने के गांव हैंजहां मछली पकड़ने और उससे जुड़े पहलू आबादी के एक बड़े हिस्से को आजीविका प्रदान करते हैं. केरल की जलीय जैव विविधता और मत्स्य संपदा 10 लाख से अधिक मछुआरों का पालन-पोषण करती है और वाणिज्यिक मछली पकड़नेजलीय कृषि आदि सहित कई अतिरिक्त गतिविधियों में सहायता करती है.

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सागर परिक्रमा के सातवें चरण के लिए लक्षद्वीप का चयन क्यों किया गया

लक्षद्वीप में 4,200 वर्ग किलोमीटर की विशाल खाड़ी, 20,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रीय जल, 4,00,000 लाख वर्ग किलोमीटर का विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) मौजूद हैऔर लगभग 132 किलोमीटर की तटीय रेखा के साथ लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेश के आसपास का समुद्रविशेष रूप से टूना मछली संसाधनों में पेलजिक मत्स्य संसाधनों से समृद्ध है.

सागर परिक्रमा के सातवें चरण का उद्देश्य

इसके तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि 8 से 12 जून, 2023 के दौरान केरल और केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में सागर परिक्रमा कार्यक्रम में भाग लेंगे. सागर परिक्रमा कार्यक्रमों के दौरान प्रगतिशील मछुआरोंमत्स्य पालकों और मछली किसानोंयुवा मत्स्य उद्यमियों आदि को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई)किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से संबंधित प्रमाण पत्र/स्वीकृति प्रदान की जाएगी. योजनाओं के व्यापक प्रचार के लिए मछुआरों के बीच प्रिंट मीडियाइलेक्ट्रॉनिक मीडियावीडियो और डिजिटल अभियानों के माध्यम से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना योजनाकेंद्र शासित प्रदेश की योजनाओंई श्रममत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ)किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) आदि पर साहित्य को लोकप्रिय बनाया जाएगा.

Source: PIB Hindi

English Summary: Seventh phase of Sagar Parikrama Yatra begins today, fish farmers and fishermen will get benefits
Published on: 08 June 2023, 03:27 PM IST

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