घर में कैसे लगा सकते हैं अपराजिता का पौधा? जानें सरल विधि अक्टूबर में पपीता लगाने के लिए सीडलिंग्स की ऐसे करें तैयारी, जानें पूरी विधि Aaj Ka Mausam: दिल्ली समेत इन राज्यों में गरज के साथ बारिश की संभावना, पढ़ें IMD की लेटेस्ट अपटेड! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक OMG: अब पेट्रोल से नहीं पानी से चलेगा स्कूटर, एक लीटर में तय करेगा 150 किलोमीटर!
Updated on: 31 July, 2024 6:41 PM IST
कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 32वीं बैठक

कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ द्वारा वैज्ञानिक सलाहकार समिति की 32वीं बैठक डॉ.अभय कुमार व्यास, माननीय कुलपति महोदय, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा की अध्यक्षता में आयोजित की गई. समिति के सचिव एवं केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, डॉ. टी. सी. वर्मा ने सभी सदस्यगणों का स्वागत कर केन्द्र का जुलाई 2023 से जुलाई 2024 का प्रगति प्रतिवेदन एवं वर्ष 2024-25 की कार्य योजना प्रस्तुत की. केन्द्र द्वारा आयोजित बैठक में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. अभय कुमार व्यास ने केन्द्र द्वारा किये जा रहे कार्यों एवं उन्हें और अधिक सुदृढ़ करने हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की एवं इन्हें उत्तरोत्तर जारी रखे.

केन्द्र के सभी विषय विशेषज्ञ एक टीम भावना से कार्य कर रहे हैं जो केन्द्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रगति का कदम है. साथ ही बताया कि केन्द्र द्वारा कृषि विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा विकसित फसलों की नवीन किस्मों का किसानों कर सहभागिता के माध्यम से गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन कर अन्य किसानों के खेतों पर प्रथम पंक्ति प्रदर्शन एवं अन्य संचालित कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचार प्रसार करने की पहल करें. कौशल विकास आधारित प्रशिक्षणों को आयोजित करें एवं सम्बन्धित विभागों के विशेषज्ञों का अनुभव भी इन प्रशिक्षणों में शामिल करें.

झालावाड़ जिला कृषि एवं उद्यानिकी के परिपेक्ष में काफी सम्पन्न क्षेत्र है. संतरा में अफलन व काली मस्सी की समस्या पर एक ब्रेन स्टोर्मिंग कार्यशाला का आयोजन कर प्राप्त सुझावों के आधार पर कार्य योजना को धरातल पर उतारें. सफल उद्यमियों की कहानियों को प्रचार प्रसारित करें इस हेतु समाचार पत्रों, सोशल मीडिया, केन्द्र एवं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अद्यतन करें ताकि अन्य युवा प्रेरित हो सके. खेती में संश्लेषित रसायनों को कम व संतुलित प्रयोग करने पर किसानों को जागरूक करें.

डॉ. प्रताप सिंह धाकड़, निदेशक, अनुसंधान निदेशालय, कृ.वि.वि. कोटा) ने बताया कि कृषकों की समस्याओं के समाधान हेतु वैज्ञानिक खेत परीक्षण आयोजित करें. इसके लिए जिले के कृषि, उद्यान, पशुपालन एवं अन्य संबंधित विभागों के माध्यम से कमेटी बनाकर कार्य करें. मृदा उर्वरता की जांच कर ब्लॉक स्तर पर मेप बनाकर संतुलित खाद व उर्वरीकरण के लिए किसानों को प्रेरित करें. केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि विश्वविद्यालयों की नवीनतम विकसित तकनीकों एवं किस्मों को किसानों के बीच पहुंचाएं.

डॉ. एस.के.जैन, निदेशक प्रसार शिक्षा, प्रसार शिक्षा निदेशालय, कृ.वि.वि. कोटा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिले की मुख्य फसलों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ‘‘खेत पर परीक्षण’’ (ओएफटी) आयोजित करें. साथ ही किसानों की मुख्य समास्याओं हेतु संयुक्त कमेटी बनाकर समस्याओं के निदान हेतु उचित कार्य किया जाए. फल व सजावटी पौधों के साथ सब्जियों की उन्नत पौध तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराएं.

डॉ. आई. बी. मौर्य, अधिष्ठाता, उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय ने कहा कि शहरी आवश्यकताओं एवं छत पर खेती को ध्यान में रखते हुए वर्मीकम्पोस्ट की पैलेट बनाकर उपलब्ध कराने की पहल करें. स्वरोजगार के सृजन में सहायक प्रशिक्षणों जैसे गमले बनाना व भरना, बुके बनाना, मशरूम उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन का आयोजन केन्द्र पर किया जाए ताकि युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके.

श्री सागर पंवार, उप वन संरक्षक, झालावाड़ ने वन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं व कार्यक्रमों के बारे में बताया.

डॉ. टी. के. बन्सोड़, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग, झालावाड़ ने चारा व पशु पोषण प्रबंधन, बकरी पालन, विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर प्रकाश डाला.

डॉ. बी. एल. ढाका, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, सवाईमाधोपुर ने कृषि विपणन प्रबंधन के लिए आयोजित प्रशिक्षणों में नेशनल कमोडिटी और डेरीवेटिव एक्सचेंज के विशेषज्ञों के सुझावों को भी शामिल किया जाए.

केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक, डॉ. मौहम्मद युनुस, उद्यान वैज्ञानिक, डॉ. अरविन्द नागर एवं मृदा वैज्ञानिक, डॉ. सेवाराम रूण्डला ने भी अपना प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया.

इस बैठक में डॉ. महेन्द्र सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, केवीके, कोटा, डॉ. हरीश वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, केवीके, बून्दी, डॉ. डी. के. सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, केवीके, अन्ता, डॉ. बच्चू सिंह मीणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, केवीके, हिन्डोन, जीतमल नागर, डॉ. योगेन्द्र कुमार मीणा, ए. के. मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह शेखावत, आशुतोष, एलडीएम, चन्द्रशेखर सुमन, वासुदेव मीणा, डॉ. रामसिंह चैहान, डॉ. उमेश धाकड़, रूकसाना, विनोद सौलंकी, शालू, बनवारी लाल, ओमप्रकाश यादव, सत्यनारायण पाटीदार, नितिन शर्मा, विमल शास्त्री, कमल प्रसाद मीणा एवं जिले के प्रगतिशील कृषक रवीन्द्र स्वामी, फैजल खान, हरिओम पाटीदार, राम राज लोधा, इत्यादि सहित केन्द्र के कर्मचारी सुनीता कुमारी, राहुल सांखला, हेमराज माली, महेश कुमार एवं दिनेश चौधरी ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. सेवाराम रूण्डला तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मौहम्मद युनुस ने किया.

English Summary: Scientific Advisory Committee 32nd meeting held at Krishi Vigyan Kendra
Published on: 31 July 2024, 06:43 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now