देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में पोषण आहार बांटने की स्कीम होम राशन स्कीम (THR) में गड़बड़ी होने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि ये घोटाला बिहार के चारा घोटाले की तर्ज पर ही किया गया है. इस बात का खुलासा अकाउंटेंट जनरल की ऑडिट रिपोर्ट के द्वारा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 110.83 रुपए का पोषण आहार तो सिर्फ कागजों पर बांट दिया गया है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिन वाहनों के नंबर राशन को ढोने के तौर पर दिए गए थे, वे असल में मोटर साइकिल और स्कूटर निकले हैं.
ऐसे हुआ ये घोटाला
दरअसल, मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत काम करने वाली आंगनवाड़ियों में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सरकार की ओर से पोषण आहार वितरित किया जाता है. इस पोषण आहार को पहुंचाने की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी जाती है, लेकिन अब बात घोटाले की आती है, तो इस पोषण आहार को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जिन निजी कंपनियों को दी गई थी, उन्होंने राशन को लोगों तक न पहुंचाकर सिर्फ कागजों पर ही बांट रखा है.
अकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल, छिंदवाड़ा, धार झाबुआ, रीवा, सागर, सतना और शिवपुरी जिलों में करीब 97 हजार मैट्रिक टन पोषण आहार का स्टॉक के के बारे में बताया गया था, लेकिन उसमें से सिर्फ 87 हजार मोट्रिक टन पोषण आहार बांटने के बारे में बताया गया है. यानी करीब 10 हजार टन आहार में गड़बड़ी हुई है.
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इस आहार की कीमत करीब 62 करोड़ रुपए है. इसी प्रकार मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के दो विकासखंडों खनियाधाना और कोलारस में सिर्फ आठ महीने के भीतर पांच करोड़ के आहार के भुगतान की अनुमति दे दी गई, लेकिन इसकी जांच होने पर स्टॉक के रजिस्टर तक नहीं मिले.
मध्यप्रदेश सरकार का बयान
अकाउंटेंट जनरल की इस रिपोर्ट पर राज्य सरकार की ओर से मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि AG की रिपोर्ट फाइनल नहीं होती है. यह उनकी राय होती है. इस रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार इस पर जांच करती है, इसलिए फिलहाल इसका कोई निष्कर्ष न निकाला जाए.