गरीब और छोटे किसान भी अब अपने लिए जमीन खरीद सकते हैं. भारतीय स्टेट बैंक किसानों के लिए एक ऐसी ही स्कीम चला रही है, जिसके माध्यम से लोन लेकर कृषि के लिए भूमि खरीदी जा सकती है. बैंक की इस योजना का लाभ लैंड परचेज स्कीम के तहत भारत के वो किसान उठा सकते हैं, जिनके पास 5 एकड़ या 2.5 एकड़ से कम जमीन है.
कौन कर सकता है आवेदन
5 एकड़ से कम जमीन के मालिक अथवा भूमिहीन मजदूर या किसान इसके लिए बैंक में आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने वाले वयक्ति का लोन रिपेमेंट रिकॉर्ड (कम से कम दो साल) का होना अनिवार्य है.
लोन सीमा
बैंक द्वारा खरीदी जाने वाली जमीन का मूल्य का आंकलन करने के अनुसार ही कुल कीमत का 85 प्रतिशत लोन प्रदान किया जाएगा. इस स्कीम के तहत लोन लेकर खरीदी जाने वाली भूमि का स्वामित्व लोन के पूरा होने तक बैंक के पास ही रहेगा.
लोन चुकाने की अवधि
किसान बहुत आराम से इस लोन को चुका सकते हैं. इसकी अवधि सामान्य लोन की तरह 1 या 2 साल नहीं बल्कि 9 से 10 साल की है. खरीदी हुई जमीन अगर खेती के लिए तैयार है तो उस लोन का रीपेमेंट शुरू करने के लिए आपको 1 साल का समय मिल जाता है. वहीं अगर आपको अपनी जमीन पर खेती करनी है, तो लोन के रीपेमेंट के लिए 2 साल का समय मिल जाता है.
खरीदने से पहले करवाएं मृदा परिक्षण
आप जिस भूमि का चुनाव करने जा रहे हैं, वो खेती के लिए उपयुक्त है या नहीं, इसके लिए मृदा परिक्षण करवाना जरूरी है. दरअसल पौधों की समुचित वृद्धि एवं विकास सोलह पोषक तत्वों पर निर्भर करती है. इन पोषक तत्वों को कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्निशियम एवं सल्फ़र के नाम से जाना जाता है. अगर मिट्टी में इन पोषक तत्वों का संतुलन न हो, तो खेती के लिए उसे खरीदना फायदेमंद नहीं है. मृदा परिक्षण कैसे करवाना है, इसके लिए कृषि जागरण के इस लिंक पर क्लिक करें.