आगरा के लोगों को उनके घर तक दूध उपलब्ध कराने के प्रयास में डेयरी किसानों के स्वामित्व वाली सहज मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने मोबाइल मिल्क वैंडिंग वैन की शुरूआत की. नेशनल डेयरी डेवलपमेन्ट बोर्ड के चेयरमैन मीनेश शाह ने पहले उपभोक्ता को मोबाइल दुग्ध एटीएम से दूध की आपूर्ति करते हुए सहज की नई पहल खुला दूध देने की शुरूआत की.
पश्चिमी यूपी के दस ज़िलों में तकरीबन 1 लाख डेयरी किसानों के स्वामित्व वाली संस्था सहज ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान कई और मोबाइल मिल्क एटीम लाने की योजना बनाई है. इस तरह कंपनी पहले आगरा में अपना कवरेज बढ़ाएगी तत्पश्चात मथुरा एवं अलीगढ़ में इस योजना की शुरूआत करेगी.
मीनेश शाह़ ने हरी झण्डी दिखाकर इस मोबाइल दुग्ध वैन को रवाना किया, जो एनडीडीबी की सब्सिडरी एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के चेयरमैन भी हैं. एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज सहज को तकनीकी सहायता प्रदान करती है. संस्था का गठन सहकारिता के सिद्धान्तों पर किया गया है. इस अवसर पर सहज के निदेशक मंडल के सदस्य भी मौजूद रहे.
सहज राज्य के पश्चिमी भाग में एकमात्र सबसे बड़ी प्लेयर है जिसका 10 ज़िलों के संगठित क्षेत्र में 33 फीसदी मार्केट शेयर है और राज्य की सबसे बड़ी दुग्ध संस्था है. 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक है. बड़ी संख्या में डेयरी किसानों और हितधारकों ने इस ऐतिहासिक आयोजन में हिस्सा लिया.
इस अवसर पर शाह ने कहा, ‘‘मोबाइल मिल्क वैंडिंग वैन सहज दुग्ध उत्पादक कंपनी लिमिटेड की उल्लेखनीय उपलब्धि है. यह सहज के एक लाख डेयरी किसान सदस्यों पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने एवं उपभोक्ताओं को ताज़ा एवं गुणवत्तापूर्ण दूध उपलब्ध कराने की सहज की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.’
इस विषय पर विस्तार से बताते हुए बसंत चौधरी, मुख्य कार्यकारी, सहज ने बताया कि शुरूआत में यह मिल्क वैंडिंग वैन आगरा विकास प्राधिकरण के चार सेक्टरों- सिकंदरा सेक्टर 5, 6, 9 और 10 को अपनी सेवाएं प्रदान करेगी. उम्मीद है कि इस आधुनिक मोबाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रोज़ाना 700-800 लीटर दूध बेचा जाएगा. आगरा में खुले दूध की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए हमने यह कदम उठाया है. हमने पैकिंग वाले दूध से आगे बढ़कर खुले ठंडे दूध में विस्तार किया है और यह खुला दूध 25 तरह की गुणवत्ता जांच से होकर गुज़रता है ताकि यह पूरी तरह से पोषक एवं हाइजीनिक हो.‘
इसके पहले शाह ने गढ़ी दहर में 1000 लीटर के आधुनिक बल्क मिल्क चिलिंग बीएमसी) प्लांट का उद्घाटन किया, नांगला पचौरी गांव में मॉडल डेयरी फार्म का दौरा किया तथा यहां मौजूद बड़ी संख्या में महिला डेयरी किसान सदस्यों के साथ बातचीत भी की. मॉडल डेयरी फॉर्म में मवेशियों के लिए हवादार छप्पर है, यहां बायोगैस प्लांट का संचालन किया जाता है और साथ ही मवेशियों के लिए चारे का उत्पादन भी किया जाता है.
इस अवसर पर शाह ने एनडीडीबी मृदा लिमिटेड एवं सिस्टेमा डॉट बायो के प्रोग्राम गोबर से समृद्धि का लॉन्च भी किया. इस प्रोग्राम के तहत सहज के संचालन क्षत्र में 5000 बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे. यह प्रोग्राम खाना पकाने के ईंधन के लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगा साथ ही कृषि के लिए रसायनिक उर्वरकों पर उनकी निर्भरता को भी कम करेगा. इससे मेथेन के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी.
फॉरवर्ड एवं बैकवर्ड वैल्यू चेन पर ध्यान केंद्रित करने वाली ये संस्थान देश के डेयरी सेक्टर को और अधिक सशक्त बनाएंगी. इनसे जहां एक ओर किसान सदस्यों को लाभ होगा वहीं दूसरी ओर शहर एवं आस पास के क्षेत्र में दूध की आपूर्ति को भी बेहतर बनाया जा सकेगा. उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए सहज निकट भविष्य में अपने मोबाइल ऐप्लीकेशन के माध्यम से लाईव व्हीकल ट्रैकिंग भी पेश करेगी.
सहज के बारे में
सहज मिल्क प्रोड्युसर कंपनी लिमिटेड (एसएमपीसीएल/ सहज दुग्ध उत्पादक कंपनी लिमिटेड) की स्थापना 17 अक्टूबर 2014 को हुई, जिसका मुख्यालय उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है. एमपीसी ने 12 दिसम्बर 2014 को अपने व्यवसाय का संचालन शुरू किया.
एसएमपीसीएल उत्तर प्रदेश के 10 ज़िलों में अपना संचालन करती है और अपने किसान सदस्यों से रोज़ाना 5.80 लाख किलोग्राम दूध एकत्रित करती है. इसके 54 फीसदी सदस्य महिला डेयरी किसान हैं. किसानों को महीने में तीन दिन बाद दूध के लिए भुगतान किया जाता है, यह राशि सीधे किसानों के खाते में जाती है. वर्तमान में एसएमपीसीएल के दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों में पॉलीपैक्ड मिल्क (पीपीएम), छाछ (बटर मिल्क), दही, घी और पनीर (विभिन्न वेरिएन्ट्स एवं विभिन्न पैक साइज़ में) शामिल हैं.