सेब की बागवानी के लिए हिमाचल प्रदेश का किन्नौर क्षेत्र काफी मशहूर है. किन्नौर क्षेत्र में सेब की बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है. किन्नौर में सेब की करीब 200 किस्मों की पैदावार होती है, जो विभिन्न मंडियों में अच्छे् भाव पर बिकते हैं, लेकिन इन सब के बीच एक सेब की किस्म ऐसी भी है जिसकी पूरे राज्य में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है, जी हां हम बात कर रहे हैं किन्नौरी क्षेत्र में पाए जाने वाले ख़ास किस्म रॉयल लाल सेब की.
रॉयल लाल सेब खाने में बहुत मीठा होता है, वहीं आकार में बड़ा होता है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर क्षेत्र में पैदा होने वाली किस्म रॉयल लाल सेब की इस साल काफी अच्छी पैदावार हुई है इसके साथ ही विदेश में भी इस किस्म की काफी मांग बढ़ रही है.
रॉयल लाल सेब की विशेषता (Royal Red Apple Specialty)
1. ये किस्म शुरू से ही लाल रहती है, इसमें कलर स्प्रे करने की जरूरत नहीं पड़ती.
2. इस किस्म के सेब को ज़्यादा कलरफुल बनाने के लिए किसी भी तरह के छिड़काव नही किए जाते हैं.
3. देश-विदेश में भी इस किस्म की मांग ज्यादा रहती है.
4. यह सेब प्राकृतिक रूप से गहरे लाल रंग और आकार में लंबोतरा होता है.
5. अधिक ठोस और रसीला होता है
6. रासायनिक खादों और कीटनाशकों का छिड़काव नहीं होता है, इसलिए यह ऑर्गेनिक सेब की श्रेणी में आता है.
7. रॉयल सेब को लंबे समय तक स्टोर में रखा जा सकता है.
8. एक पेड़ से 10 - 15 पेटी की पैदावार होती है.
9. हार्ट के मरीज के लिए यह रामबाण का काम करता है.
रॉयल लाल सेब की बढती विदेशों में मांग – (Increasing Demand For Royal Apple Abroad)
बता दें, कि हिमाचल प्रदेश में करीब 100000 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की बागवानी होती है. जिससे साढ़े 5000 करोड़ के आस-पास का सालाना कारोबार होता है. अपने आकार और रस के लिए जाने जाने वाला रॉयल सेब बाजार में पूरी तरह से राज कर रहा है. बता दें देश विदेश में भी इस किस्म के सेब की मांग बढ़ रही है. किन्नौर जिले में अधिक ठंडक और बर्फबारी की वजह से इस किस्म की सेब अन्य जगहों के मुकाबले ज्यादा रसीले और स्वादिष्ट होते हैं.