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Updated on: 9 April, 2024 11:44 AM IST
छत विस्थापित पॉली हाउस तकनीक

Roof Removeable Polyhouse: देश में पारंपरिक फसलों के अलावा सब्जियों और फलों की खेती भी की जाती है. सब्जियों और फलों में मोटा मुनाफा देख पिछले कुछ सालों में किसानों को रूझान इस ओर तेजी से बढ़ा है. कई किसान तो पॉली हाउस तकनीक के जरिए ऑफ सीजन की फल-सब्जियों को उगाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. हालांकि, पॉली हाउस तकनीक महंगी होने के कारण सभी किसान इसका लाभ नहीं उठा पाते. इसी बात को ध्यान में रखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के कृषि वैज्ञानिकों ने पॉली हाउस की नई तकनीक विकसित की है. जो न केवल किफायती होगी, बल्कि इसमें हर मौसम की फस-सब्सिजों को उगाया जा सकेगा.

बता दें कि कृषि वैज्ञानिकों ने "छत विस्थापित पॉली हाउस" तकनीक का विकास किया है. पॉली हाउस तकनीक के जरिए किसान साल भर खेती तो कर पाते हैं. लेकिन, उन्हें कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. खासकर गर्मियों के मौसम में, जब ज्यादा तापमान को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है. इसी समस्या का हल निकालते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस नई तकनीक विकसित किया है. जहां किसान जब चाहे मौसम के अनुसार पॉली हाउस की छत को बदल पाएंगे. जिससे वर्ष भर गुणवत्तापूर्ण फल और सब्सिजों का उत्पादन हो पाएगा.

पॉली हाउस तकनीक क्यों है खास?

पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस की तकनीक विभिन्न विशेषताओं को ध्यान में रखती है. यह वातावरण के नियंत्रण, पौधों की वृद्धि, फसलों की सुरक्षा, और उचित देखभाल के माध्यम से उन्हें उचित मात्रा में पोषण प्रदान करने के लिए डिजाइन किया जाता है. इसके अलावा, पॉलीहाउस के निर्माण में कुछ विशेष तकनीकी दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक होता है, जैसे कि उचित वातावरण, पौधों की सही देखभाल, और फसलों की उचित उत्पादनता. 

इस प्रकार, पॉलीहाउस तकनीक की आवश्यकता उचित वातावरण, पौधों की वृद्धि, और फसलों की सुरक्षा के संदर्भ में महत्वपूर्ण है. इसके प्रयोग से खुले खेत में खेती की तुलना में सब्जियों की विपणन योग्य गुणवत्ता कम से कम 50 फीसदी और उत्पादकता 30 से 40 फीसदी तक बढ़ जाती है.

कैसे काम करता है "छत विस्थापित पॉली हाउस"?

इस पॉलीहाउस में छत को छोड़कर बाकी पूरा स्ट्रक्चर यूवी स्टेबलाइज्ड कीड़ा रोधी प्लास्टिक से ढंका हुआ रहता है. गर्मी के मौसम में यह यूवी स्टेबलाइज्ड फिल्म (200 माइक्रोन) से ढंका हुआ रहता है, जबकि जाड़े के मौसम में हरे शेड-नेट से कवर किया हुआ रहता है. इस नए विकसित पॉलीहाउस की खासियत यह मौसम के अनुरूप काम करने के लिए डिजाइन किया गया है.

नवंबर से फरवरी तक पॉलीहाउस के रूप में काम करता है, जबकि जून से अक्टूबर तक यह रेन शेल्टर के रूप में काम करता है और फिर मार्च से मई तक यह शेड नेट के रूप में काम करता है. इसमें यह मिट्टी और वायु के तापमान ओर प्रकाश की तीव्रता को नियंत्रित करके इसे साल भर खेती के लिए उपयुक्त बनाता है. इससे सब्जियों की उत्पादकता बढ़ती है.

English Summary: roof removeable polyhouse technology developed by birsa agriculture university scientist
Published on: 09 April 2024, 11:45 AM IST

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