ग्लोबल बायो एग लिंकेज और बायो एजी इनोवेशन के सीईओ रोजर त्रिपाठी ने आज यानी 25 अगस्त 2022 को कृषि जागरण के केजे चौपाल में दौरा किया. इस दौरान उन्होंने वैश्विक कृषि सलाहकार के रूप में काम करने के अनुभव को सबके साथ साझा किया.
केजे चौपाल के कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए रोजर त्रिपाठी ने मृदा स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा से लेकर किसानों की आय दोगुनी करने जैसे मुद्दों पर बात की. तो आइए जानते हैं कि उन्होंने किन-किन विषय को लेकर किसानों के बारे में बात की.
किसान सबसे जोखिम लेने वाले व्यक्ति (farmer most risk taker)
कार्यक्रम की शुरूआत में त्रिपाठी ने कहा कि उनका मानना है कि अगर आप किसानों के लिए कृषि उद्योग (Agro Industry) में सम्मान नहीं रखते हैं, तो आप गलत व्यवसाय में हैं, क्योंकि किसान सबसे बड़े जोखिम लेने वाले हैं. अपनी इस बात को सिद्ध करते हुए उन्होंने पूछा कि क्या किसानों के पास कोई छुट्टी का दिन होता है, इसके उत्तर में उन्होंने कहा- नहीं. इसके अलावा उन्होंने आग्रह किया कि यदि आप कृषि उद्योग से जुड़े हैं, तो दिल से इस क्षेत्र की ओर ध्यान दें.
"मैंने दुनिया भर से बहुत सारे विचार सुने हैं. मुझे याद है कि हम 1990 के दशक में रसायनों को फॉगिंग कर रहे थे. हम पोटाश से जोड़ रहे थे, जहां इसकी कोई जरूरत भी नहीं थी और अब हम नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रहे हैं. हम जो कुछ भी करते हैं, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि खाद्य सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा समान रूप से महत्वपूर्ण है. अत्यंत जैविक को अपनाना अच्छा है, लेकिन हमें यह ध्यान रखना है कि हमें इसकी आवश्यकता है कि नहीं. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि रासायनिक उपयोग के बिना जाने यह समझ में नहीं आता कि आप मिट्टी में क्या डाल रहे हैं और इससे फसल अच्छी मिलेगी या नहीं. यही कारण है कि मैंने खुद को पूरी तरह से जैव-कृषि (bio-farming) और टिकाऊ कृषि में झोक दिया.
उन्होंने दुनिया से सतत कृषि का पालन करने का आग्रह करते हैं जो एकीकृत फसल प्रबंधन है. यानी उनके अनुसार प्राकृतिक उत्पादों को मिलाते समय रसायन न्यूनतम के नियम और इष्टतमीकरण के नियम का उपयोग करना है. इससे उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि यह उपभोक्ताओं के लिए अच्छा है क्योंकि किसानों के लिए लाभप्रदता सुनिश्चित करते हुए उन्हें सुरक्षित भोजन मिलता है.
मिट्टी और पौधों के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल करें (Take good care of soil and plant health)
त्रिपाठी ने न केवल पौधों के स्वास्थ्य को देखने की बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य को भी देखने की सलाह दी. उन्होंने इसे इस तरह सोचने के लिए कहा- यदि आपके पास स्वस्थ आंत नहीं है, तो आप स्वस्थ नहीं हैं. यही बात अस्वास्थ्यकर मिट्टी और पौधों के स्वास्थ्य पर भी लागू होती है.
भारत की टिकाऊ कृषि वैश्विक स्तर पर कहां है, इस बारे में एमसी डोमिनिक के सवाल का जवाब देते हुए त्रिपाठी ने कहा कि हमें इस पर गर्व होना चाहिए क्योंकि टिकाऊ कृषि के प्रति जागरूकता में भारत का सुधार 3-4 वर्षों में 4 गुना बढ़ा है. जागरूकता का स्तर सराहनीय है. हालांकि, हम चीजों की आपूर्ति के अंत में अंतर को नजरअंदाज नहीं कर सकते. देखा जाए, तो स्थायी कृषि में सबसे अधिक सुधार करने वाला देश ब्राजील है और अन्य देशों को उनसे सीखना चाहिए.
कंपनी के 'लोकली ग्लोबल एंड ग्लोबल लोकल' (Locally Global and Global Local) के आदर्श वाक्य पर खरा उतरते हुए, त्रिपाठी ने बताया कि सेवा-उन्मुख व्यवसाय में कंपनियां आमतौर पर एक विदेशी देश से दूसरे देश में निर्यात करती हैं, जो स्थानीय सलाहकार के रूप में कार्य करती हैं.
इसके बाद उन्होंने यह भी बताया कि ग्लोबल बायोएग लिंकेज और बायोएजी इनोवेशन मेरे दो व्यावसायिक उपक्रमों के माध्यम से हमने एक संरचना बनाई है, जहां वे कुल सेवा-उन्मुख लिंकेज सेवाओं की तरह काम करते हैं 40 से अधिक देशों में अपने अनुभव के साथ, मैंने स्थानीय परामर्श विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है, जो अपने देश में कुशल है. स्थानीय स्तर पर वैश्विक से हमारा यही तात्पर्य है. मैंने भारत में कुछ अच्छे इनोवेटर्स को भी आते देखा है और उन्हें वैश्विक स्तर पर ले जाने साथ ही उन्हें स्थानीय स्तर पर वैश्विक बनाने की योजना बना रही हूं.
किसानों की आय को दोगुना करने की पहल निर्धारित समय अवधि में लक्ष्य हासिल करने में विफल क्यों रही. इस विषय पर त्रिपाठी ने कहा कि समय सीमा से चूकना स्वाभाविक है. व्यक्तियों के रूप में हमारे पास कुछ दैनिक लक्ष्य भी हैं. हालांकि, कई बार हम उन्हें याद करते हैं और उन्हें कुछ समय में पूरा करने का प्रबंधन करते हैं. हमारे लिए मायने यह रखता है कि हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं.