MFOI 2025 में ग्लोबल फार्मर बिजनेस नेटवर्क: किसान से उद्यमी बनने का महाकुंभ PM Kisan Update: जून में आ सकती है 20वीं किस्त, लाभार्थी तुरंत निपटाएं ये जरूरी काम Paddy Varieties: धान की ये 10 उन्नत किस्में कम पानी में देती हैं शानदार उपज, जानें इनके नाम और खासियतें किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 17 November, 2023 2:02 PM IST
गेहूं और चावल की बढ़ती कीमतों पर लगेगा लगाम. (Image Source: Freepik)

Agriculture: गेहूं और चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसने खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के प्रयासों के तहत खुले बाजार में खाद्यान्न उतारकर 2,334 बोलीदाताओं को ई-नीलामी के जरिये बफर स्टॉक से 2.84 लाख टन गेहूं और 5,830 टन चावल बेचा है. खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि 21वीं ई-नीलामी 15 नवंबर को आयोजित की गई थी, जिसमें खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) घरेलू के तहत तीन लाख टन गेहूं और 1.79 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी. मंत्रालय ने कहा कि 2,334 बोलीदाताओं को 5,830 टन चावल के साथ 2.84 लाख टन गेहूं बेचा गया.

बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश

बता दें कि चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमत को नियंत्रित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप की केंद्र सरकार की पहल के तहत गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जाती है. भारतीय खाद्य निगम, खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की प्रमुख एजेंसी, ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से गेहूं बेच रहा है. मंत्रालय ने कहा कि पूरे भारत में 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले गेहूं के लिए भारित औसत बिक्री मूल्य 2,246.86 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि गुणवत्ता मानदंडों में ढील वाले (यूआरएस) गेहूं का 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले भारित औसत बिक्री मूल्य 2,232.35 रुपये प्रति क्विंटल था.

अब इतने रुपये में मिलेगा आटा

इसके अलावा गेहूं को आटे में बदलने और इसे ‘भारत आटा’ ब्रांड के तहत जनता को बिक्री के मकसद से पेश करने के लिए ओएमएसएस (डी) के तहत केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, नाफेड जैसे अर्ध-सरकारी और सहकारी संगठनों को 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि इनका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए. इस साल 14 नवंबर तक इन तीन सहकारी समितियों द्वारा आटे में परिवर्तित करने के लिए 15,337 टन गेहूं उठाया गया है. व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है और स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 14 नवंबर तक देशभर में 1,917 औचक जांच की गई है.

English Summary: Rising prices of wheat and rice will be controlled people will soon get relief from this step of the government Agriculture News
Published on: 17 November 2023, 02:03 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now