Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 11 November, 2021 5:16 PM IST
Cotton Farming

महाराष्ट्र में कपास की बढ़ती कीमतों ने सबको हिला कर रख दिया है. दरसअल, राज्य में कपास की कीमत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और मांग बढ़ने से लेकर सीमित आपूर्ति के की वज़ह से आने वाले समय में कपास की कीमतों में और भी उछाल देखने को मिल सकता है.

दामों में ऊंचाई आने की वज़ह जलवायु परिवर्तन और भारी बारिश बताई जा रही है जिससे लगातार नुकसान हो रहा है. और इसी वज़ह से उत्पादन में गिरावट भी देखी जा रही है.

मांग ना पूरी होने की वज़ह से छोटे-बड़े व्यापारी सीधे गांव आ रहे हैं और कपास की मांग भी कर रहे हैं. और जैसे-जैसे इसकी मांग बढ़ रही है. वैसे-वैसे इसकी कीमतों में भी तेज़ी आ रही है.

अगर मांग इस तरह बानी रही तो किसान अपनी मनचाही कीमत पर कपास बेचेंगे, लेकिन ऐसे में किया भी तो क्या किया जाये, क्योंकि इसकी कमी की पूर्ति भी नहीं हो पा रही है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी मांग

कपास की बढ़ती मांग के कारण इसकी कीमत 9 हज़ार रुपये से ज्यादा हो गयी है. इसके अलावा, कपास उत्पादक रोपण से लेकर कटाई तक की भारी लागत के कारण अच्छी कीमत प्राप्त किए बिना बेचना नहीं चाहते है.

यह भी पढ़ें: वैज्ञानिक विधि से कपास की खेती करने का तरीका

हालांकि अधिक मांग के कारण व्यापारी सीधे किसानों के दरवाजे पर जाकर कपास की मांग कर रहे हैं. व्यापारियों का मानना है किसानों को इसकी उच्च कीमत चाहिए, जिसकी वज़ह से वो अभी कपास नहीं दे पा रहे हैं और उन्हें खाली हाथ वापस आने की नौबत आ रही है.

8 दिनों से हुई वृद्धि

कपास जो 2 महीने पहले 5,200 रुपये प्रति क्विंटल था वो पिछले 8 दिनों में बढ़कर 9,000 रुपये हो गया है. इसके अलावा व्यपारियों का यह कहना है कि गांव में चक्कर लगाने के बाद भी कपास नहीं मिल रहा है. इसलिए अगर भविष्य में दरें बढ़ती हैं तो इसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

English Summary: Rise in the price of cotton, traders buying directly from farmers
Published on: 11 November 2021, 05:22 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now