Richest Farmer of India Award 2024: भारत में कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो न केवल हमारे देश की अर्थव्यवस्था को समृद्ध करता है, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का भी मुख्य स्रोत है. लेकिन आज की दुनिया में, जहां तकनीकी बदलाव और आधुनिकता तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां कुछ ऐसे किसान भी हैं जो पारंपरिक कृषि पद्धतियों को छोड़कर, नए और प्रगतिशील तरीकों को अपनाकर सफलता की मिसाल कायम कर रहे हैं. एक ऐसी ही प्रेरणास्त्रोत किसान हैं नीतूबेन पटेल, जिन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण और नवीनतम कृषि पद्धतियों से न केवल कृषि क्षेत्र में बदलाव लाया, बल्कि महिलाओं के लिए भी एक नया मार्ग प्रशस्त किया.
उन्हें आज कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित ‘मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स 2024’ में ‘रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया’ अवार्ड मिला है, जो उनकी कृषि उद्यमिता और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में किए गए शानदार योगदान का प्रमाण है. ऐसे में आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-
सजीवन की स्थापना और सफलता की दिशा
नीतूबेन पटेल का बचपन से ही कृषि में कुछ नया करने का सपना था. उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कृषि क्षेत्र में एक उद्यमी के रूप में कदम रखने का निर्णय लिया. उन्होंने आगे चलकर "सजीवन" नामक एक ऑर्गेनिक फार्म की स्थापना की, जो आज लगभग 10,000 एकड़ भूमि पर विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक उत्पादों का उत्पादन करता है. सजीवन का उद्देश्य केवल किसानों को जैविक कृषि की ओर प्रेरित करना नहीं था, बल्कि यह एक मिशन बन गया, जिसमें किसानों को सुरक्षित और बिना रासायनिक उर्वरकों के उत्पाद उगाने के लिए प्रशिक्षित किया गया.
सजीवन में लगभग 250 से अधिक जैविक उत्पादों का उत्पादन किया जाता है, जो न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निर्यात होते हैं. इन उत्पादों को उगाने में अमृत मिट्टी (AMRUT MITTI) और अमृत जल (AMRUT JAL) का उपयोग किया जाता है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं और खाद्य उत्पादों में पोषण तत्वों की गुणवत्ता को बनाए रखते हैं.
महिला किसानों के लिए प्रेरणा
नीतूबेन पटेल के लिए कृषि सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है, बल्कि एक सामाजिक सेवा है. उन्होंने हमेशा इस बात को ध्यान में रखा कि उनकी सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समाज के अन्य किसानों, विशेष रूप से महिलाओं, के लाभ के लिए हो. नीतूबेन पटेल ने अपने कार्यों से यह साबित किया कि महिलाएं अगर सही मार्गदर्शन और अवसर प्राप्त करें तो वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं.
उनकी मेहनत और समर्पण ने 5,000 से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभ और तकनीकों के बारे में जागरूक किया. इसके साथ ही, नीतूबेन ने 10,000 एकड़ भूमि को जैविक खेती में परिवर्तित किया, जिससे ना केवल उत्पादकता में वृद्धि हुई, बल्कि पर्यावरण का भी संरक्षण हुआ.
'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड की प्राप्ति
नीतूबेन पटेल की मेहनत और उनके द्वारा किए गए अद्वितीय कार्य को मान्यता मिलना समय की बात थी. आज उन्हें कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया' अवार्ड्स 2024 में 'रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया' का पुरस्कार मिला है. यह अवार्ड उन्हें उनकी कृषि उद्यमिता और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में किए गए शानदार योगदान के लिए दिया गया. यह एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस अवार्ड के माध्यम से न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों को सराहा गया, बल्कि यह देश भर के उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बना जो कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाहती हैं.
सामाजिक और पर्यावरणीय योगदान
नीतूबेन पटेल की सफलता की कहानी सिर्फ व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं है. उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से यह भी दिखाया कि कैसे कृषि उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है. सजीवन के तहत वे कंपनी आधारित कार्बन क्रेडिट और नैतिक सामुदायिक समाधान के जरिए पर्यावरण की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. इसके साथ ही, उन्होंने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न उद्यमियों और कंपनियों के साथ मिलकर कृषि और पर्यावरण से संबंधित समस्याओं के समाधान खोजे हैं.
प्रेरणा और भविष्य
नीतूबेन पटेल की कहानी न केवल कृषि क्षेत्र में बल्कि पूरे देश में महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है. उन्होंने यह साबित किया है कि अगर किसी में अपने काम को लेकर जुनून हो और वह सही दिशा में मेहनत करे, तो कोई भी मुश्किल रुकावट नहीं बन सकती. उनका जीवन यह सिखाता है कि कृषि में नवाचार, समर्पण और सही मार्गदर्शन से न केवल व्यापार में सफलता पाई जा सकती है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है.
नीतूबेन पटेल के द्वारा दिखाए गए इस रास्ते पर चलकर देश की महिलाएं न केवल अपने परिवार को खुशहाल बना सकती हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बन सकती हैं. उन्होंने अपनी सफलता से यह सिद्ध कर दिया कि महिलाओं के लिए कृषि में अपार संभावनाएं हैं, अगर उन्हें सही अवसर और मार्गदर्शन मिले.